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मनोहरपुर/डेस्क: चिड़िया डुबिल माइंस के ठेका मजदूरों पर इन दिनों बेरोजगारी की तलवार लटक रही है. ऐसे में सेल प्रबंधन व ठेका कंपनी नारायण संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रति कर्मियों में काफी आक्रोश है. ठेका कंपनी द्वारा छटनी किये गये 244 मजदूरों को दूसरे स्थान पर काम देने का नोटिस दिये जाने से मजदूर और भी नाराज हो गये हैं. मजदूरों ने कहा कि वे कहीं बाहर काम करने नहीं जायेंगे. श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाये, अन्यथा सेल ऑफिस में ताला जड़ा जायेगा और सड़क जाम कर सरकार तक अपनी बात पहुंचायी जायेगी. जिसकी जिम्मेदारी सेल प्रबंधन की होगी। अपनी मांगों के समर्थन में मजदूर लगातार तीन दिनों से चिड़िया सेल मुख्य द्वार पर आ रहे हैं और सेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. अलग-अलग यूनियनें एक मंच पर आकर श्रमिकों की मांगों के समर्थन में सेल प्रबंधन से बात कर रही हैं.
शनिवार को संयुक्त यूनियन भारतीय मजदूर संघ, इंटक, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ और क्रांतिकारी मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने सेल प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा.
क्या बात है आ?
ठेका कंपनी एनएसआईपीएल ने पुल टूटने के कारण परिवहन की कमी के कारण लगातार हो रहे नुकसान का हवाला देते हुए श्रमिकों की छंटनी के लिए श्रम मंत्रालय को आवेदन दिया था, जिसके आधार पर श्रम मंत्रालय ने 15 अक्टूबर तक 244 श्रमिकों की छंटनी का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने जर्जर सड़क और पुल का मामला जिला उपायुक्त को भेज दिया था, जो अब उपायुक्त के पास लंबित है.
कार्यकर्ताओं ने क्या कहा?
मजदूरों का कहना है कि ठेका कंपनी द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत हम मजदूरों को परेशान किया जा रहा है. सेल प्रबंधन खदानों का मुख्य मालिक है और सेल प्रबंधन को मजदूरों का दर्द नहीं दिख रहा है. सेल प्रबंधन ठेका कंपनी का विरोध करने के बजाय उसका समर्थन कर रहा है.
बड़बिल ओडिशा में चल रही ठेका कंपनी में स्थानीय मजदूरों को काम के लिए बुलाया जा रहा है. हम उम्र के ऐसे पड़ाव पर पहुंच गए हैं कि कहीं और जाकर काम करने में असमर्थ हैं.
मजदूरों का कहना है कि अगर स्थानीय स्तर पर काम नहीं दिया गया तो सोमवार से सभी मजदूर अपने परिवार के साथ धरना पर बैठेंगे. साथ ही प्रखंड के 84 गांवों के हजारों लोग धरना देंगे और जरूरत पड़ी तो सेल गेट भी बंद कर दिया जायेगा. मौके पर बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष नवल किशोर सिंह समेत लाल समद, रंगोन भेंगरा, बिरसा भिंजिया, किशोर जोंको, दिनेश महतो, धनीराम अगरिया, हेमंत नायक, श्याम दास, घनश्याम धनपतिया आदि भी मौजूद थे. झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महासचिव शिव नारायण ठाकुर, बीएमएस के महासचिव राजेश विश्वकर्मा और क्रांतिकारी मजदूर संघ के सहायक सचिव घनश्याम बड़ाईक आदि भी मौजूद थे.
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