लातेहार: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का चार दिवसीय अनुष्ठान आज रविवार को दूसरे दिन खरना के साथ भक्तिमय माहौल में संपन्न हो गया.
लातेहार जिला मुख्यालय समेत अन्य प्रखंडों में छठवर्तियों ने दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को पारंपरिक खरना पूजा की. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि को मनाए जाने वाले इस महत्वपूर्ण दिन पर व्रती महिलाएं पूरी पवित्रता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनाती हैं। सूर्यास्त के बाद छठी मैया और सूर्य देव को यह विशेष प्रसाद अर्पित किया गया।
खरना प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का कठोर निर्जला (बिना भोजन-पानी) व्रत शुरू हो गया, जो मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा. लातेहार जिले के विभिन्न इलाकों में सुबह से ही खरना की तैयारी शुरू हो गयी थी. घरों में पूजा को लेकर पवित्रता व साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा गया.
खरना का प्रसाद सबसे पहले व्रत करने वाला व्यक्ति खाता है, जिसके बाद इसे परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों के बीच वितरित किया जाता है।
छठ पूजा का तीसरा दिन कल सोमवार को है, जब श्रद्धालु अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके लिए जिले के सभी छठ घाटों पर तैयारी अंतिम चरण में है. खरना संपन्न होने के बाद अब सभी की निगाहें कल शाम के अर्घ्य पर टिकी हैं.



