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Wednesday, November 12, 2025
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यूसीआईएल की बंदुहुरंग ओपन कास्ट माइंस में 75 फीसदी विस्थापित, प्रभावितों को रोजगार देने की मांग


विद्या शर्मा/न्यूज़11 भारत

जादुई गुड़िया/डेस्क: यूसीआईएल की बंदुहुरंग ओपन कास्ट माइंस में 75 प्रतिशत विस्थापित प्रभावितों को रोजगार देने की मांग को लेकर हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही। इस बीच, बंदुहुरंग ओपन कास्ट माइंस विस्थापित समिति के अध्यक्ष रुक मणि हो और दीपक पाडिया के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन का यूसीआईएल पर व्यापक असर पड़ा है और कंपनी के बंदुहुरंग ओपन कास्ट खदान में प्रतिदिन तीन हजार मीट्रिक टन यूरेनियम अयस्क का उत्पादन ठप हो गया है और कंपनी प्रबंधन को रुपये का भुगतान करना पड़ा है। करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा. इस बीच अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विस्थापित नेता दीपक पाड़िया ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाया कि यूसीआईएल प्रबंधन विस्थापितों को आपस में खड़ा कर आंदोलन को कुचलना चाहता है. जिसके कारण विस्थापित लोग आपस में मारपीट करने लगे. इस हादसे में तीन लोग घायल हो गए.

उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि बंदू हुरंग ओपन कास्ट माइनस में प्रभावित गांवों के 75 फीसदी विस्थापितों को ही रोजगार दिया जाये, अन्यथा उनका आंदोलन जारी रहेगा. यहां बता दें कि जादूगोड़ा के व्यवसायी प्रदीप अग्रवाल को बांदु हुरंग ओपन कास्ट माइनस में नया टेंडर मिला है, जहां से वे बाहरी लोगों की जगह केरुवाडुगरी, बांदू हुरांग और तुरामडीह माइंस जैसे विस्थापित और प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को योजना में प्राथमिकता देने के लिए आंदोलन चला रहे हैं.

विधायक संजीव सरदार से मांगा समर्थन

अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहे समिति के लोगों ने आज क्षेत्रीय विधायक संजीव सरदार से मुलाकात की और आंदोलन को समर्थन देने का प्रस्ताव दिया. जिसके जवाब में विधायक संजीव सरदार ने कहा कि उनकी सरकार भी विस्थापितों के अधिकार के साथ खड़ी है.

यह भी पढ़ें: झारखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर बरवाडीह के 150 आबू घरों में गृह प्रवेश हुआ.

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