किशोर कुमार जयसवाल/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: खुशी और मौज-मस्ती का माहौल कुछ ही देर में मातम में बदल गया. जब 13 वर्षीय छात्र अभिषेक कुजूर की जोलो नदी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई. फसिया पंचायत के आदर्श नगर ढोढरी टोली निवासी राजेश कुजूर का पुत्र अभिषेक शहर के प्रसिद्ध नोट्रे डेम स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता था. रविवार को वह एक ट्यूशन सेंटर टीचर और करीब 30 छात्रों के साथ पिकनिक मनाने के लिए जोलो नदी के किनारे गए थे, लेकिन यह सैर उनके जीवन की आखिरी सैर साबित हुई। जानकारी के मुताबिक, पिकनिक स्पॉट पर नाश्ता करने के बाद अभिषेक हाथ धोने के लिए नदी किनारे गया, उसी वक्त उसकी मां भी पिकनिक में उसके साथ गयी थी. उसने पीछे से आवाज लगाई और रुको बेटा कहकर भागी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था तभी अभिषेक हाथ धोने के लिए नीचे झुका और उसका पैर फिसल गया और वह सीधे नदी की गहराई में जा गिरा। मां चिल्लाई और मदद मांगी लेकिन कुछ ही सेकेंड में बेटा पानी की लहरों में खो गया.
आसपास मौजूद लोग भागने लगे, कुछ युवक नदी में कूद भी पड़े लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. सूचना पुलिस को दी गयी, जिसके बाद थाना प्रभारी महेंद्र करमाली अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया. जिन्होंने घंटों की मशक्कत के बाद नदी के नीचे खाई में दबे अभिषेक के शव को बाहर निकाला। शव मिलते ही मां बेहोश हो गयी. मौके पर अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद शव को सदर अस्पताल लाया गया जहां देर शाम तक लोगों की भीड़ जुटी रही. सभी की आंखें नम थीं. परिजन पोस्टमार्टम के लिए प्रशासनिक अनुमति का इंतजार कर रहे थे. इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि हम कब तक बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते रहेंगे?
डोर-टू-डोर कोचिंग चलाने वाले कई शिक्षक बच्चों को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के नदी, जंगल और ऊंचाई जैसी खतरनाक जगहों पर पिकनिक पर ले जाते हैं। इस घटना में भी शिक्षक ने अपने रिश्तेदारों और छात्रों के साथ पिकनिक का आयोजन किया था लेकिन बच्चों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरती गई. नदी किनारे पिकनिक का विकल्प समझ से परे है. लोगों का कहना है कि अगर शिक्षक सतर्क रहते और बच्चों को नदी के पास जाने से रोकते तो शायद यह हादसा टल जाता. मृतक अभिषेक के पिता राजेश कुजूर जो बालूमाथ के बरियातू में सरकारी शिक्षक हैं, घटना की जानकारी मिलते ही गुमला पहुंचे तो पूरा माहौल शोक में डूब गया.
इधर, हादसे की खबर सुनते ही पिकनिक मनाने गये अन्य छात्रों के अभिभावकों में अफरा-तफरी मच गयी. कोई मोटरसाइकिल से, कोई ऑटो से, कोई चारपहिया वाहन से जोलो नदी पहुंचा और अपने बच्चों को सुरक्षित पाकर राहत की सांस ली. लोगों की मांग है कि लापरवाह ट्यूशन टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और परिवार ऐसे दर्दनाक हादसे का शिकार न हो.
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