महुआडांड़ : प्रखंड स्थित जिला परिषद भवन सभागार में सोमवार को मुखिया संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी.
बैठक में प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखियाओं ने भाग लिया. बैठक में पंचायत विकास, जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति और प्रखंड स्तर पर कार्यरत कर्मियों की कार्यशैली पर विस्तार से चर्चा की गयी. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। बैठक के दौरान उपस्थित सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रखंड कार्यालय में कार्यरत आवास समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव एवं 15वीं वित्त के प्रखंड समन्वयक उदय कुमार गुप्ता की कार्यशैली पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की.
प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि दोनों कर्मचारियों की मनमानी के कारण पंचायतों में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है और योजनाओं के क्रियान्वयन में अनावश्यक बाधा उत्पन्न हो रही है. प्रमुख रेनू तिग्गा ने कहा कि आवास समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव के खिलाफ ग्रामीणों से कई शिकायतें मिली हैं.
उन्होंने कहा, ”मैया सम्मान योजना, वृद्धा एवं विधवा पेंशन और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में अनियमितता और लापरवाही की शिकायतें लगातार मिल रही हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात रखने का कोई प्रावधान नहीं है.
इसके बावजूद दोनों कर्मी लंबे समय से महुआडांड़ प्रखंड में कार्यरत हैं. मनमानी और भ्रष्टाचार के कई आरोपों के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मुखिया संघ ने संयुक्त रूप से दोनों कर्मचारियों को अविलंब हटाने और उनके स्थान पर नये समन्वयक की नियुक्ति की मांग की.
रेनू तिग्गा ने कहा कि इससे पहले भी संघ की ओर से डीडीसी लातेहार को लिखित शिकायत की गयी थी, जिसमें 15वीं वित्त के प्रखंड समन्वयक पर पंचायतों से अवैध वसूली, भुगतान में देरी और पंचायत प्रतिनिधियों के डोंगल अपने पास रखने जैसे गंभीर आरोप लगाये गये थे.
इसके बावजूद अब तक संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
बैठक में मुखिया प्रमिला मिंज, रेनू तिग्गा, रेखा नगेसिया, अमृता नगेसिया, रोशनी कुजूर, उषा खलखो, कमला किंडो समेत कई पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे. सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक दोषी कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक पंचायतों में विकास कार्यों में पारदर्शिता संभव नहीं है.



