हरिहरगंज/पलामू. सरकारी सिस्टम की लापरवाही और भुगतान व्यवस्था की सुस्ती ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं।
छतरपुर अंचल अधिकारी के ड्राइवर मिथलेश कुमार की पत्नी और वार्ड संख्या 8 की सदस्य मनीषा कुमारी (32 वर्ष) की इलाज के अभाव में मौत हो गयी. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। मनीषा कुमारी पिपरा प्रखंड के दलपतपुर पंचायत अंतर्गत लभरा गांव की रहने वाली थी.
पिछले दो महीने से उनका इलाज रांची रिम्स में चल रहा था और वह अपेंडिसाइटिस से पीड़ित थीं. आर्थिक तंगी के कारण उसका उचित इलाज नहीं हो सका। बीते गुरुवार को उन्होंने अस्पताल में आखिरी सांस ली. वह अपने पीछे दो बच्चों के अलावा केवल तीन माह का नवजात शिशु छोड़ गए हैं।
पीड़ित चालक मिथलेश कुमार ने अपनी पत्नी की गंभीर स्थिति को देखते हुए अंचलाधिकारी, उपायुक्त व मुख्य सचिव को आवेदन देकर जून 2023 से अब तक लंबित दैनिक मानदेय का भुगतान कराने की गुहार लगायी थी, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता व प्रक्रिया के मकड़जाल के कारण वह गुहार अनसुनी रह गयी. अंततः पैसे के अभाव में इलाज अधूरा रह गया और मनीषा के जीवन की डोर टूट गयी.
इस दर्दनाक घटना पर उपप्रमुख उपेन्द्र कुमार यादव, मुखिया प्रतिनिधि राजेंद्र यादव, बसपा नेता रविरौशन कुमार, चितरंजन दास, मनोज यादव, शिक्षक इंद्रजीत राम, उदय राम, संजय राम समेत कई जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार की दुखद कहानी नहीं बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता की कहानी है. लोगों ने सरकार से अविलंब मानदेय भुगतान करने और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता व न्याय दिलाने की मांग की है.



