महुआडांड़ : थाना क्षेत्र के बोरकोना गांव के पास गुरुवार की सुबह एक जंगली हाथी के सड़क पर आ जाने से अफरा-तफरी मच गयी.
बताया जा रहा है कि यह हाथी अपने झुंड से बिछड़ गया था और महुआडांड़-नेतरहाट मुख्य मार्ग पर करीब पांच घंटे तक दहशत का माहौल कायम रखा. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। सुबह करीब 11 बजे एक ट्रक महुआडांड़ से नेतरहाट की ओर जा रहा था. तभी अचानक एक हाथी सड़क पर आ गया. ट्रक चालक ने तुरंत गाड़ी रोकी और अपनी जान बचाने के लिए मौके से भाग गया।
इसके बाद हाथी कई घंटों तक ट्रक के आसपास घूमता रहा और मुख्य शहर महुआडांग बाजार में घुस गया. हालाँकि, इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। हाथी जब रामपुर चौक होते हुए बिरसा मुंडा चौक पहुंचा तो पूरे बाजार में अफरा-तफरी मच गयी. उसी समय सभी स्कूल बंद थे और गुरुवार का बाजार था, स्थिति और भी गंभीर हो गयी थी. लेकिन वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की सूझबूझ भरी पहल से हाथी को शहरी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों में दहशत फैल गई. कई लोग सुरक्षित रास्ते की तलाश में वैकल्पिक रास्तों से अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. वनपाल कुंवर गंझू ने बताया कि हाथी को सड़क से हटाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन भीड़ के कारण हाथी डर गया. जिसके कारण उसे भगाने में दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने बताया कि अब तक यह हाथी सड़क पर करीब 12 किलोमीटर चल चुका है.
वनपाल ने यह भी बताया कि यह जंगली हाथी झुंड से बिछड़ कर गुमला जिले के बांस टोली गांव से माइल होते हुए सोहर गांव पहुंच गया. फिलहाल यह हाथी महुआ नादोस क्षेत्र की ओर चला गया है। जहां वन विभाग की टीम लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही है और उसे वापस जंगल में भेजने की कोशिश कर रही है.
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे जंगली हाथी के पास जाने या भीड़ लगाने से बचें, क्योंकि इससे हाथी डर जाता है और आक्रामक हो सकता है। बाजार में हाथी के घुसने की सूचना मिलते ही बीडीओ सह सीओ संतोष बैठा, थाना प्रभारी अरविंद होनरेंज अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और वन विभाग की टीम के साथ मिलकर हाथी को शहरी क्षेत्र से बाहर खदेड़ने का प्रयास किया और शिवनगर गांव के रास्ते पुतरंगी जंगल में भेजने में सफल रहे.
महुआडांग मुखिया प्रमिला मिंज ने कहा कि ग्रामीणों को वनकर्मियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए. बच्चों को सड़क क्षेत्र से दूर रखें और जिस रास्ते से हाथी गुजर रहा हो उस रास्ते पर किसी भी तरह की तेज आवाज या रोशनी का इस्तेमाल न करें। वहीं प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और मार्ग सामान्य रूप से फिर से खोल दिया गया है.


 
                                    


