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रांची/डेस्क:- झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडे ने बीजेपी द्वारा हेमंत सरकार पर लगाए गए आरोपों को ‘झूठ, भ्रम और घबराहट का पुलिंदा’ बताया है. उन्होंने कहा कि जब से जनता ने बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है, तब से वह झूठे आरोपों और दुष्प्रचार के सहारे जनता की भावनाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. अपने दूसरे कार्यकाल के एक साल में हेमंत सरकार ने हर वर्ग के हित में ऐतिहासिक फैसले लिये हैं. चाहे वह स्थानीयता नीति हो, नियोजन नीति हो, आदिवासी-मूलवासी अधिकारों की सुरक्षा हो, किसानों की कर्जमाफी हो या सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण देना हो. दूसरी ओर, भाजपा अपने दिल्ली स्थित आकाओं की मदद से लोकप्रिय हेमंत सरकार की प्रगति को रोकने की साजिश रचने से बाज नहीं आ रही है।
झारखंड की जनता ने भाजपा नेताओं को संसद में भेजा है, लेकिन किसी भी भाजपा सांसद में केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के साथ किये जा रहे भेदभाव के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं है. जनता ने प्रचंड बहुमत देकर श्री हेमन्त सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया है, लेकिन भाजपा लगातार उनकी राह में रोड़े अटकाकर जनादेश का अपमान कर रही है। जनता सब देख रही है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस जेल वीडियो का हवाला दे रही है, वह न तो सरकार की नीति का हिस्सा है और न ही उसे सरकार का संरक्षण प्राप्त है. सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है. भाजपा का यह आरोप कि ”सरकार के संरक्षण में जेलों में अय्याशी चल रही है” पूरी तरह से राजनीतिक नौटंकी है।
विनोद पांडे ने कहा कि बीजेपी के पास आज जनता का कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह बेबुनियाद आरोपों के जरिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी द्वारा भ्रष्टाचार की बात करना अपने आप में हास्यास्पद है, क्योंकि केंद्रीय संस्थानों के दुरुपयोग में बीजेपी का कोई मुकाबला नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सरकार ने जेल सुधार की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं और राज्य की जेलों में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक नई निगरानी प्रणाली लागू की जा रही है.
विनोद पांडे ने कहा कि जनता ने भाजपा को उसकी नीतियों के कारण नकार दिया है. जनता ने भाजपा को नकार दिया है क्योंकि उसने झूठ और घोटालों के अलावा कुछ नहीं दिया है। हेमंत सरकार जनता के विश्वास और विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है, जबकि भाजपा बेबुनियाद आरोपों के सहारे अपनी प्रासंगिकता तलाश रही है.



