news11 भारत
रांची/डेस्क: डीएमएफटी घोटाले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्टिंग अब कोडरमा और धनबाद से भी नए तथ्य सामने आ रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा कि आम तौर पर आईएएस अधिकारी एक जिले से दूसरे जिले में अनुभव लेकर जाते हैं, लेकिन हेमंत सरकार में अधिकारी अपने पुराने दलालों और ठेकेदार साझेदारों को भी अपने साथ ले जाते हैं.
डकैती की पटकथा बड़ी चतुराई से लिखी गई है
बाबूलाल मरांडी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा है कि प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोडरमा में डीसी रहते हुए श्री आदित्य रंजन ने एमईपीएससी और तितली फाउंडेशन के सहयोग से “कौशल विकास” के नाम पर डीएमएफटी फंड की लूट की थी. अब जब वे धनबाद के डीसी बन गये हैं, तो वही खेल फिर से शुरू हो गया है… एमईपीएससी और तितली फाउंडेशन की मिलीभगत से डीएमएफटी फंड की फिर से लूट की जा रही है. इस लूट की पटकथा इतनी चतुराई से लिखी गई है कि टेंडर की नियम-शर्तें बदलकर मनचाही कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
डीएमएफटी फंड के उपयोग की उच्चस्तरीय जांच की मांग
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से अनुरोध है कि वर्ष 2022-24 के दौरान कोडरमा में डीएमएफटी फंड के उपयोग की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये. साथ ही आदित्य रंजन और प्रांजल मोदी के संबंधों की भी जांच होनी चाहिए. धनबाद में डीएमएफटी फंड से संबंधित चल रही सभी टेंडर प्रक्रियाओं पर तत्काल रोक लगाते हुए निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए।
ये भी पढ़ें- पंजाब सरकार के मंत्री डॉ बलबीर सिंह और हरदीप सिंह मुंडियन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की.



