प्रियेश कुमार/न्यूज़11 भारत
धनबाद/डेस्क: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी ने शुक्रवार को कोर्ट में जवाब दाखिल किया. निरंजन तिवारी पर नीरज सिंह हत्याकांड में फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप है. एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में दाखिल जवाब में आईओ ने कहा कि दस्तावेज से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। उन्होंने विभाग की ओर से उपलब्ध कराये गये दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किये थे. अदालत में मामले का संचालन कर रहे अपर लोक अभियोजक सतेंद्र कुमार राय ने पहले अदालत को अपना जवाब दिया था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 नवंबर तय की है. निरंजन तिवारी आज कोर्ट में पेश नहीं हुए.
गौरतलब है कि 20 अगस्त 2025 को संजीव सिंह ने अदालत में अपर लोक अभियोजक और अनुसंधानकर्ता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 230, 231 के तहत मामला दर्ज करने का अनुरोध किया था. कोर्ट में दायर आवेदन में कहा गया कि हत्या जैसे जघन्य अपराध, जिसमें दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या मौत की सजा भी हो सकती है, में अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी, अपर लोक अभियोजक सतेंद्र कुमार राय ने सूचक अभिषेक सिंह के साथ मिलकर फर्जी साक्ष्य तैयार किया. उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ता ने आदित्य राज के मोबाइल का फर्जी सीडीआर बनाया ताकि उसे घटना स्थल पर दिखाया जा सके. इस मामले की फर्जी इंट्री केस डायरी में करायी गयी और कोर्ट में गलत बयान भी दिया गया, ताकि संजीव सिंह को सजा मिल सके. इतना ही नहीं, 13 अगस्त 2025 को अपर लोक अभियोजक सतेंद्र राय ने सूचक के साथ मिलकर संजीव सिंह के मोबाइल का दो पेज का फर्जी सीडीआर कोर्ट में दाखिल कर बताया कि यह एक्जीबिट 16/4 है. जबकि प्रदर्श 16/4 वह दस्तावेज था जिसे नोडल पदाधिकारी की ओर से न्यायालय में प्रमाणित किया गया था. नोडल पदाधिकारी आनंद माधव मिश्रा ने बताया था कि 15 मार्च 2017 से 23 मार्च 2017 तक आदित्य राज का लोकेशन गिरिडीह था.
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