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रांची/डेस्क: पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट की तृतीय जज की बेंच में सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाई कोर्ट की खंडपीठ के दो जजों ने इसके उलट आदेश दिया था. इस मामले में जस्टिस गौतम कुमार चौधरी का फैसला बहुमत के आधार पर मान्य होगा, जो भी हाई कोर्ट की खंडपीठ का फैसला उस जज के फैसले से मेल खाएगा.
पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या के मामले में दुमका की निचली अदालत ने दो कट्टर नक्सली सुखलाल उर्फ प्रवीर मुर्मू और सनातन बास्की उर्फ ताला दा को मौत की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट के दो जजों की खंडपीठ में शामिल जस्टिस संजय प्रसाद ने दोनों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी थी. वहीं, जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने मौत की सजा के खिलाफ दोनों दोषियों की अपील स्वीकार कर ली और उन्हें बरी कर दिया.
जस्टिस संजय प्रसाद ने अपने आदेश में नक्सली हमले में शहीद हुए तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार के परिवार को दो करोड़ रुपये और पांच अन्य शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अमरजीत बलिहार के बेटे या बेटी को डिप्टी एसपी/डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त करने और उन्हें उम्र में छूट देने का भी आदेश दिया गया.
आपको बता दें कि साल 2013 में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार चुनाव को लेकर एक बैठक में शामिल होने के लिए दुमका गये थे. इसी दौरान लौटते समय नक्सलियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. नक्सली हमले में तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार समेत छह पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे.
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