प्रियेश कुमार/न्यूज़11 भारत
धनबाद/डेस्क: रविवार को खरना संपन्न हो गया. इसके साथ ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का उपवास भी शुरू हो गया. सोमवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ का समापन होगा. व्रत तोड़ देंगे. 
इधर, छठ बाजार में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ रही है. हर तरफ साफ-सफाई, चकाचौंध रोशनी और हर गली व हर घर में छठ गीतों की धुन से पूरा माहौल छठमय हो गया है। छठ की खुशी में पूरा शहर रंगा हुआ है. 
रविवार की सुबह लोगों ने फल, नारियल व पूजन सामग्री की खरीदारी की. गेहूं पिसवाने के लिए लोग चक्की की दुकानों पर कतार में खड़े थे। इस आटे से शुद्ध देसी घी में छठ पर्व का ठेकुआ और अन्य व्यंजन बनाये जायेंगे. रविवार की शाम खरना में आम की लकड़ी पर गुड़ और अरवा चावल की खीर बनायी गयी. छठ मईया को यह प्रसाद चढ़ाकर व्रतियों ने निर्जला व्रत का संकल्प लिया। लोगों ने आस-पड़ोस में जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण किया. आज सोमवार को लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. पहले दिन में गाय के घी में ठेकुआ और अन्य व्यंजन बनाए जाते थे. छठ घाट पर जाने के लिए सूप की टोकरी और दौरा तैयार किया जायेगा. पूरी प्रक्रिया पारंपरिक छठ लोक गीतों के साथ होती है। महिलाएं काम करते समय छठ गीत गुनगुनाती रहती हैं।
छठ घाट सज-धज कर तैयार, व्रतियों के इंतजार में
शहर के सभी छठ घाट सज-धज कर तैयार हैं. छठ घाटों पर सजी रोशनी तालाबों पर पड़ रही है और अलौकिक चमक पैदा कर रही है. सोमवार की शाम तालाब के चारों ओर पूजा के सूप पर जलाये गये दीपों की रोशनी से घाट जगमगा उठेगा. छठ पूजा समितियों ने भी अपने स्तर से तालाबों पर व्यवस्था की है. शाम होते-होते छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं के साथ-साथ आस्था का सैलाब उमड़ पड़ेगा. श्रद्धालु पूजा यात्रा को ध्यान में रखकर छठ घाट पर जायेंगे. व्रती महिलाएं तालाब में उतरकर छठ मइया के साथ सूर्य की पूजा करेंगी। ठीक सूर्यास्त के समय व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को दूध से अर्घ्य देंगी. अगले दिन मंगलवार को सुबह तीन बजे से ही लोग छठ घाट पर जुटने लगेंगे और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि और निरोगी शरीर की कामना करेंगे.
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