31.8 C
Aligarh
Tuesday, October 21, 2025
31.8 C
Aligarh

धनंजय : अजीत महतो का नाम झारखंड आंदोलनकारियों के शहीदों की सूची में शामिल किया जाये-देवेंद्र नाथ महतो.


संतोष कुमार/न्यूज़11
चांडिल/डेस्क:
जेएलकेएम के केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो ने सैकड़ों समर्थकों के साथ तिरुलडीह गोलीकांड में शहीद हुए धन्नजय और अजीत महतो के शहादत स्थल पर पहुंच कर उन्हें फूलमालाएं पहनाईं.
मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि आज से ठीक 43 साल पहले 21 अक्टूबर 1982 को जब झारखंड अलग राज्य आंदोलन और कोल्हान में जंगल बचाओ आंदोलन अपने चरम पर था, तब चांडिल, नीमडीह और ईचागढ़ प्रखंडों को अकालग्रस्त घोषित करने समेत अन्य मांगों को लेकर ईचागढ़ के तिरुलडीह क्षेत्र के सामने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के गोली चला दी. झारखंड अलग राज्य, जिसमें चांडिल कॉलेज के दो छात्र धनंजय महतो और अजीत महतो धरना स्थल पर पुलिस की गोली से शहीद हो गये.

छात्रों और ग्रामीण पुलिस से अवैध वसूली बंद कर दी गई थी, जिसके कारण पुलिस दहशत फैलाना चाहती थी, दहशत इतनी थी कि गोलीबारी के बाद भी 41 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और बिना खाए-पिए 36 घंटे तक हिरासत में रखा गया, हंगामे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया, इस घटना के बाद पुलिस का आतंक इतना था कि कोई भी पोस्टमार्टम के बाद दोनों छात्रों के शव को जमशेदपुर से गांव तक लाने के लिए तैयार नहीं था, जिसके बाद निर्मल महतो खुद ट्रक में लाये और चिता को मुखाग्नि दी। धनंजय महतो और अजीत महतो की शहादत ने पूरे झारखंड क्षेत्र को उद्वेलित कर दिया था.

धनंजय का एक बेटा उपेन्द्र अभी कुछ माह का था और अजीत अविवाहित था। शहादत का एक लंबा समय गुजर गया और अलग झारखंड राज्य भी बन गया. तिरुलडीह गोलीकांड पर खूब राजनीति हुई. गोलीबारी के बाद कर्पूरी ठाकुर, जॉर्ज फर्नांडिस, राम विलास पासवान, शिबू सोरेन जैसे नेताओं ने तिरुलडीह का दौरा किया, गोलीबारी के खिलाफ आंदोलन हुआ, घटना के बाद ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कोई भी सरकारी मदद लेने से इनकार कर दिया, हर साल पुण्य तिथि पर कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है, लेकिन आज तक दोनों को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा दिया गया है. सबसे न मिल पाने का दुख है क्योंकि तिरुलडीह गोलीकांड अलग झारखंड आंदोलन का हिस्सा था.

मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने सरकार से मांग की कि झारखंड सरकार धनंजय महतो और अजीत महतो को झारखंड आंदोलनकारी का दर्जा दे.
मौके पर जेएलकेएम के सचिव गोपेश महतो, विष्णु महतो, पीतांबर महतो, सामंत महतो, ईश्वर महतो, जीतेंद्र महतो, बादल महतो, निरंजन महतो, परमेश्वर महतो, गुणाधर, मनोहर मुंडा, राकेश पाहन समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App