चंदवा. लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के अथुला-चटुआग गांव के किसानों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा.
दूसरे दिन आधा दर्जन महिलाओं ने जमीन समाधि सत्याग्रह किया. उनकी मांग है कि गांव के दर्जनों टोलों में पोल व बिजली तार लगाने तथा अठौला में नया ट्रांसफार्मर लगाने की मांग को लेकर किसान आंदोलन की राह पर हैं. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। आंदोलन में शामिल किसानों को संबोधित करते हुए पंचायत समिति सदस्य अयूब खान ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार का लक्ष्य हर घर तक बिजली पहुंचाना है, लेकिन जब लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए तार-पोल नहीं लगाये जायेंगे, तो लोगों के घरों तक बिजली कैसे पहुंचेगी. ऐसे में मुख्यमंत्री की बिजली उपलब्ध कराने की योजना भी सफल नहीं हो पायेगी.
अनुसूचित जनजाति चटुआग गांव के अथुला, कारी टोंगरी, उबका पानी, पहाना पानी, परहैया टोला, लोहराही, पोक्या, चोरझरिया, पुरमपनियां, भेलवाही, बगडेगवा, चरकापत्तल के दर्जनों टोले के कई घरों में बिजली नहीं पहुंची है. लकड़ी के खंभे और पेड़ के सहारे तार खींचकर बिजली जलाई जा रही है।
इन बस्तियों के अधिकांश घरों में तार के खंभे नहीं हैं; आजादी के बाद भी गांवों में तार के खंभे नहीं लगाये गये हैं. पोल तार के अभाव में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान कनेक्शन लेकर बांस-बल्ली के सहारे बिजली का उपयोग करते हैं। बांस के खंभे सड़ कर टूट जाते हैं, जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यह बेहद डरावना सच है कि आजादी के बाद भी इस गांव के किसानों की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हुईं. समाज में अंतिम पायदान पर रहने वाला व्यक्ति विकास योजनाओं में नंबर एक पर है लेकिन धरातल पर वह व्यक्ति न तो पहले नंबर पर है और न ही आखिरी नंबर पर, उस व्यक्ति के पास कोई नंबर ही नहीं है। आम नागरिक को जीवनयापन के लिए आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
पंचायत समिति सदस्य अयूब खान, वीनीता कोनगाड़ी, फागुनी भेंगरा, फूलो भेंगरा, सनियारो हेरेंज, सीमा केरकेट्टा, जीदन टोपनो, सनिका मुंडा, नेमा परहैया, बेने मुंडा, ललुआ गंझू, दिलवा गंझू, महेश गंझू, सुखु नगेसिया, पालिंजर गंझू, सुखु मुंडा, मंगू मुंडा, साइमन भेंगरा ने सत्याग्रह में भाग लिया. धूमा भेंगरा, दाउद होरो, एंड्रियास टोपनो, मार्गरेट टोपनो, मुक्ता टोपनो, अमित भेंगरा सहित दर्जनों किसान शामिल थे।



