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रांची/डेस्क:- थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों में रक्त आधान के माध्यम से एचआईवी संक्रमण की संभावना बहुत गंभीर है। यह मामला दो दिन पहले मेरे संज्ञान में आया, जिसके बाद मैंने तुरंत उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये. जांच के दौरान थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे में एचआईवी संक्रमण की प्रारंभिक पुष्टि हुई है. इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए चाईबासा के सिविल सर्जन, एचआईवी यूनिट के प्रभारी डॉक्टर और संबंधित तकनीशियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है और उसे एक सप्ताह के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जांच में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रक्त की आपूर्ति ब्लड बैंक से हुई या बाहर से। यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि एचआईवी संक्रमण की पूर्ण पुष्टि होने में लगभग चार सप्ताह का समय लगता है। यदि विंडो पीरियड के दौरान किसी संक्रमित व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाए तो संक्रमण की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस पूरी घटना से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने खुद इस पर संज्ञान लेते हुए सख्त और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. बच्चे हम सभी को सबसे प्यारे होते हैं। उनके स्वास्थ्य एवं जीवन से संबंधित किसी भी प्रकार की लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जायेगी। दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध सख्त एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।



