संतोष कुमार/न्यूज़11 भारत
चांडिल/डेस्क: 21 अक्टूबर 1982 को शहीद हुए अजीत और धनंजय महतो की तिरुलडीह शहीद स्थल, चांडिल अनुमंडल के कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के शहीद चौक और ईचागढ़ क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहों पर स्थित प्रतिमा पर विभिन्न दलों के नेताओं, अधिकारियों, समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. वहीं, मंगलवार को शहीद चौक पर 43वां शहादत दिवस मनाया गया और झारखंडी झूमर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. सभी ने तिरुलडीह स्थित शहीद वेदी पर शीश झुकाया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. विधायक सविता महतो, शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी महतो, पुत्र उपेन महतो, शहीद अजीत महतो और धनंजय महतो की प्रतिमा पर प्रखंड विकास पदाधिकारी पहुंचे. कुकड़ू राजश्री ललिता बाखला, जेएलकेएम नेता गोपेश्वर महतो व देवेन्द्रनाथ महतो, आजसू के हरेलाल महतो, सामाजिक कार्यकर्ता खगेन चंद्र महतो, आंदोलनकारी सुनील कुमार महतो समेत सैकड़ों की संख्या में बुद्धिजीवी व सामाजिक कार्यकर्ता आये और उनके आठ सहयोगियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
मालूम हो कि 21 अक्टूबर 1982 को तत्कालीन प्रखंड कार्यालय ईचागढ़ का संचालन तिरुलडीह स्थित एक बंगले में किया जा रहा था. जहां क्रांतिकारी छात्र युवा मोर्चा के बैनर तले छात्र सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने समेत कई मांगों को लेकर प्रखंड कार्यालय का घेराव कर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान जोनल गार्ड ने निहत्थे आंदोलनकारी छात्रों पर गोली चला दी. गोलीबारी में अजीत महतो और धनंजय महतो शहीद हो गये. तिरुलडीह गोलीकांड के बाद से हर साल 21 अक्टूबर को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है. कई बार दिशुम गुरु शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, कर्परी ठाकुर, राम बिलास पासवान आदि नेता भी शहादत दिवस पर उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित कर चुके हैं.
आजसू नेता हरे लाल महतो ने तिरुलडीह गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
तिरुलडीह गोलीकांड के शहादत दिवस पर बुधवार को आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो ने शहीद अजीत महतो और शहीद धनंजय महतो को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर सैकड़ों आजसू कार्यकर्ता तिरुलडीह स्थित शहीद बेदी पर एकत्र हुए और शहीदों के स्मारक पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान चांडिल अनुमंडल के कुरली, चौका मोड़, आदरडीह, तिरुलडीह मोड़, कुकडू, सिरूम चौक सहित कई स्थानों पर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया गया. इस मौके पर शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी, उनके बेटे उपेन महतो समेत झारखंड आंदोलन से जुड़े कई वरिष्ठ नेता और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे.
मौके पर संबोधित करते हुए हरे लाल महतो ने कहा कि झारखंड राज्य बने 25 वर्ष बीत गये, लेकिन अब तक शहीदों के परिजनों को उचित सम्मान नहीं मिल पाया है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सवाल उठाया कि वर्तमान सरकार ने शहीदों के परिजनों को सीधी नियुक्ति देने की घोषणा की थी, फिर भी शहीद धनंजय महतो के परिजनों को आज तक नौकरी क्यों नहीं मिली?
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं जो शहीदों के नाम पर राजनीति तो करते हैं, लेकिन उनके परिवारों की सुध नहीं लेते. उन्होंने सरकार से मांग की कि शहीदों के परिवारों को तत्काल सम्मान, आर्थिक सहायता और नौकरी देकर उनके बलिदान का उचित सम्मान किया जाए. इस मौके पर जिला सचिव भोला नाथ महतो, ईचागढ़ प्रखंड अध्यक्ष गोपेश महतो, कुकड़ू प्रखंड अध्यक्ष अरुण महतो, बृहस्पति महतो, मोहनलाल महतो, सुशेन महतो, बादल महतो, कामदेव महतो आदि मौजूद थे.
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