लातेहार: लोक आस्था के महापर्व छठ के पावन अवसर पर सोमवार की शाम लातेहार और आसपास के ग्रामीण इलाकों में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला.
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों श्रद्धालु औरंगाबाद के घाटों पर पहुंचे, वहीं मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु अपनी कठिन साधना का समापन करेंगे. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर सोमवार की शाम शहर के सभी प्रमुख छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा.
महिलाओं ने लाल-पीले परिधान पहनकर बांस के सूप और दउरा को ठेकुआ, फल, नारियल और दीपक से सजाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। घाटों पर छठ के पारंपरिक लोकगीतों की गूंज से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. बच्चे, महिलाएं और पुरुष सभी घाटों पर एकत्र हुए और परिवार की सुख, समृद्धि और सौभाग्य के लिए सूर्य देव से प्रार्थना की।
प्रशासन ने भी सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पुख्ता तैयारी की है. शहर के सभी घाटों पर पुलिस बल और गोताखोरों की टीम तैनात की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. घाटों पर रोशनी, बैरिकेडिंग और मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गयी है.
चटनाही छठ घाट को विशेष आकर्षक तरीके से सजाया गया है. रंग-बिरंगी झालरों, दीयों और फूलों से सजा घाट मानो उत्सव को नई ऊर्जा दे रहा हो। देर शाम तक श्रद्धालु अपने परिवार के सदस्यों के साथ छठी मइया के गीतों पर नाचते नजर आए।
अब 28 अक्टूबर, मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन होगा. घाटों पर अंतिम अर्घ्य की तैयारी रात से ही शुरू कर दी गयी है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने और सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है.



