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रांची/डेस्क: झारखंड के पर्यटन विकास निगम और ऊर्जा निगम के खाते से 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीआईडी की एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले कुशल बनर्जी और अरुण पांडे को गिरफ्तार किया है. पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को रांची लाया गया और होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया.
पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि इस फर्जी निकासी मामले में कोलकाता के सात लोग शामिल थे. इन दोनों ने इस मामले के सरगना का नाम भी उजागर किया है, जिसकी एसआईटी तलाश कर रही है. एसआईटी की एक टीम फिलहाल कोलकाता में कैंप कर रही है. इससे पहले इस मामले में दो बैंक मैनेजर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक आरोप पत्र दायर किया गया है और एक सप्ताह के भीतर एक पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
जांच में पता चला है कि कुशल बनर्जी और अरुण पांडे ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पर्यटन और ऊर्जा निगम के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों से धोखाधड़ी की थी। उसने निवेश के नाम पर उन्हें विश्वास में लेकर योजनाबद्ध तरीके से धोखाधड़ी की। सबसे पहले उन्होंने पर्यटन निगम के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह को अपने प्रभाव में लिया. गिरजा प्रसाद के माध्यम से उन्होंने केनरा बैंक निफ्ट हटिया शाखा के तत्कालीन प्रबंधक अमरजीत कुमार और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बिरसा चौक के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा से संपर्क किया. इसके बाद निगम के खातों से अवैध तरीके से 109 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये.
एसआईटी ने इस मामले में अब तक 350 बैंक खातों की पहचान की है. इनमें से करीब 50 करोड़ रुपये विभिन्न खातों में फ्रीज किये गये हैं. एसआईटी अब इन फ्रीज खातों में जमा रकम लौटाने के लिए कोर्ट से अनुमति ले रही है. एसआईटी ने पर्यटन और ऊर्जा निगम के लिए नए बैंक खाते भी खोले हैं, जिनमें यह रकम वापस जमा की जाएगी.
एसआईटी ने 50 से ज्यादा खाताधारकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. उन्हें चेतावनी दी गई है कि यदि वे स्वेच्छा से अपनी गलती स्वीकार कर पैसे लौटा देंगे तो उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं, अगर कोई कहता है कि उसके खाते में पैसे आने की कोई जानकारी नहीं थी तो वह रकम वापस कर सकता है लेकिन अगर किसी ने वह रकम खर्च कर दी तो उसे जेल जाना पड़ सकता है।
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