महुआडांड़: महुआडांड़ प्रखंड के नेतरहाट में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा दक्षिणी छोटानागपुर मंडल के तत्वावधान में झारखंड आंदोलनकारियों को न्याय, सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार को लेकर एक सम्मेलन और झारखंड आंदोलनकारी अमर पुरोधा अजीत तिग्गा की चौथी पुण्य तिथि सभा का आयोजन नेतरहाट विद्यालय के सभागार में किया गया.
आंदोलनकारियों के बच्चों के लिए 100 प्रतिशत आजीविका, रोजगार की गारंटी, अलग पहचान, झारखंड आंदोलनकारियों को जेल जाने की बाध्यता समाप्त करना और सभी को 50-50 हजार रुपये पेंशन राशि देना. तथा सरकार से राज्य का मान-सम्मान दिलाने, अलग राज्य बनाने, अपनी माटी के मूल्यों की स्थापना करने, सामाजिक समरसता बनाये रखने तथा झारखंडी अस्तित्व व अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष राजन क्षीरसागर ने कहा कि झारखंड क्रांतिकारियों की भूमि है और यहां के लोगों ने पूंजीवाद और उपनिवेशवाद के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी है.
अलग राज्य के मूल्यों की स्थापना करना झारखंड आंदोलनकारियों का परम दायित्व है. इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख ने आंदोलनकारियों से संघर्ष के रास्ते पर चलकर झारखंड को एक बेहतर राज्य बनाने का आह्वान किया. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी को अपने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक और संघर्ष करना होगा.
राज्य गठन के 25 वर्ष हो गये हैं. इस क्रम में बड़ी संख्या में अलग राज्य के रचनाकारों की मृत्यु हो गयी, जिनकी पहचान आज तक नहीं हो पायी है. उनके परिजन लाचार हैं और जगह-जगह भटकने को मजबूर हैं. राज्य सरकार को झारखंड आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन कर प्रत्येक आंदोलनकारी को राजकीय सम्मान, अलग पहचान, आजीविका रोजगार योजना में क्रांति और पेंशन राशि देकर भूमिका निभानी चाहिए। नेहा नवनीता ने कहा कि झारखंड राज्य का सम्मान अपने आंदोलनकारियों के कारण ही है. अगर आज आंदोलनकारियों को पेंशन की जरूरत पड़ रही है तो यह इस राज्य के लिए सबसे बड़ी दुखद बात है.
कार्यक्रम का संचालन लातेहार जिला संयोजक वीरेंद्र ठाकुर, स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन दक्षिणी छोटानागपुर मंडल अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने किया.
कार्यक्रम में अध्यक्ष वैशी महतो, ललित नारायण, लाल विजय नाथ शाहदेव, लाल धन महतो रंजीत टोप्पो सोमारी देवी फिलेमोन एक्का, एंथम लकड़ा, वीरांगना किंडो, उर्मीला देवी प्रतिमा कुजूर किशोर गिद्ध मार्शल लकड़ा सुनील केरकेट्टा, धारदुल भुईया, कैलाश सिंह शंखनाथ सिंह नंदलाल मेहता विनोद कुमार पांडे जीदान कॉल बुधन हेमरोम आरके झा, आफताब अंसारी, तैयब अंसारी, राहुल सुरीन जफर खान, विनोद बधाइक. इसमें भुनेश्वर कमांडर मंगलदीप तिग्गा समेत राज्यभर से हजारों आंदोलनकारी शामिल हुए.



