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रांची/डेस्क:-झारखंड को आज केंद्र सरकार से बड़ा तोहफा मिला है. भारत सरकार ने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत झारखंड में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चार नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे.
यह मंजूरी भारत सरकार की “पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापना योजना” के तहत दी गई है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है। नई दिल्ली में हुई अहम बैठक
आज नई दिल्ली में वित्तीय कार्य विभाग (डीईए) की बैठक हुई, जिसमें झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने प्रेजेंटेशन दिया. प्रेजेंटेशन के बाद केंद्र ने झारखंड में चार जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मंजूरी दे दी.
इन जिलों में नये मेडिकल कॉलेज खुलेंगे
1. खूंटी – 50 एमबीबीएस सीटें
2. जामताड़ा – 100 एमबीबीएस सीटें
3. धनबाद – 100 एमबीबीएस सीटें
4. गिरिडीह- 100 एमबीबीएस सीटें
पीपीपी मॉडल से होगा विकास
यह परियोजना भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) द्वारा संचालित वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) उप-योजना-1 और उप-योजना-2 के तहत कार्यान्वित की जाएगी। धनबाद परियोजना को वीजीएफ उप-योजना-1 के तहत क्रियान्वित किया जाएगा और शेष परियोजनाएं वीजीएफ उप-योजना-2 के तहत क्रियान्वित की जाएंगी।
इस उपयोजना के अंतर्गत –
• भारत सरकार 40% पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) सहायता और 25% परिचालन व्यय (ओपेक्स) सहायता प्रदान करेगी।
• जबकि राज्य सरकार कैपेक्स के रूप में 25% से 40% और ओपेक्स सहायता के रूप में 15% से 25% का योगदान देगी।
• उप-योजना-1 के तहत, भारत सरकार से 30% और राज्य सरकार से 30% के अनुपात में कैपेक्स सहायता प्रदान की जाएगी।
इस साझेदारी से न केवल चिकित्सा शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, राज्य में नए मेडिकल कॉलेज खुलने से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता में काफी सुधार होगा। साथ ही मेडिकल शिक्षा की पहुंच बढ़ेगी और स्वास्थ्य ढांचे को नई ताकत मिलेगी। राज्य सरकार ने इसे झारखंड की दीर्घकालिक स्वास्थ्य नीति में एक ऐतिहासिक कदम बताया है. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, “आज झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खुलने से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।”
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