हज़ारीबाग़. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय जल संसाधन विभाग में तीन माह से मुख्य अभियंता का पद रिक्त है. मुख्य अभियंता की अनुपस्थिति के कारण हजारीबाग समेत चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ जिले में मॉनिटरिंग का काम पूरी तरह से ठप है. यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्य अभियंता के अभाव में इन जिलों में मौजूद दर्जनों जलाशयों व बांधों के रखरखाव समेत विकास कार्य भगवान भरोसे है. आपको बता दें कि 31 मई 2025 को चीफ इंजीनियर हेमंत कुमार लोहानी रिटायर हो गए थे. इसके बाद एक जून को विभागीय स्तर पर जमील अख्तर प्रभारी मुख्य अभियंता बन गये. तीन माह बाद 31 अगस्त को जमील अख्तर के सेवानिवृत्त होने के बाद अब भी मुख्य अभियंता का पद रिक्त है. मुख्य अभियंता के अधीन छह डिवीजन हैं. इसमें बरही, हज़ारीबाग़, बनासो (विष्णुगढ़ ब्लॉक), डुमरी और बगोदर (दोनों गिरिडीह) और तेनुघाट (बोकारो) शामिल हैं।
तेनुघाट अंचल में एसी का पद लंबे समय से रिक्त है
सभी छह डिवीजनों के सफल संचालन के लिए शुरू से ही दो सर्किल बनाये गये हैं. इसमें हज़ारीबाग़ और तेनुघाट बांध प्रमंडल शामिल हैं. बता दें कि तेनुघाट बांध प्रमंडल में अधीक्षण अभियंता (एसी) का पद लंबे समय से खाली है. इधर बरही डिवीजन में कार्यपालक अभियंता का पद रिक्त है. हजारीबाग जल पथ संख्या-2 के राहुल मालतो को बरही डिवीजन का प्रभारी बनाया गया है.
जिम्मेदार अधिकारी के न आने से किसान परेशान
किसान हैं परेशान – विभाग में जिम्मेदार अधिकारी के नहीं रहने से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। करोड़ों रुपये की लागत से हज़ारीबाग़, गिरिडीह और बोकारो जिले की सीमा पर स्थित बनासो जलाशय, रामगढ़ के भैरवा डैम, चतरा के दुलकी समेत अन्य सभी जिलों में जल स्रोतों से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाएं आवश्यकतानुसार चलायी जा रही हैं. यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को उनका सीधा लाभ तय समय-सीमा में मिले। इधर, अधिकारियों की भारी कमी व विभागीय लापरवाही के बाद किसानों को समय पर रबी फसल के लिए पटवन व कृषि कार्य से संबंधित अन्य लाभ कैसे मिलेगा, यह बड़ा सवाल है.
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मुख्य अभियंता का पद खाली रहने के कारण सातों जिलों में मॉनिटरिंग का काम समय पर नहीं हो पाया है. इसकी जानकारी विभागीय स्तर के आला अधिकारियों को है. अधिकांश जिलों में जल स्रोतों से संबंधित अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं। इसका लाभ किसानों को समय पर मिलना सुनिश्चित है। इस दिशा में प्रयास जारी हैं.
प्रकाश चंद्र बिरुआ, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग, हजारीबाग
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