शहर में हुआ किन्नर अखाड़े का भव्य धर्म सम्मेलन, आश्रम स्थापना की मांग भी उठी
किन्नर समाज को मिले आध्यात्मिक पहचान: डॉ.त्रिपाठी
जमशेदपुर समाचार:
शहर में पहली बार किन्नर अखाड़े की ओर से भव्य धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में आयोजित यह सम्मेलन आध्यात्मिकता, सद्भाव और समानता का संदेश लेकर आया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी मौजूद रहीं।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले महामंडलेश्वर ने बिस्टुपुर राम मंदिर में पूजा-अर्चना की और देश और राज्य की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की. इसके बाद जुलूस निकाला गया, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए माइकल जॉन ऑडिटोरियम तक पहुंचा. उत्थान संस्था द्वारा आयोजित इस धार्मिक सम्मेलन की अध्यक्षता महामंडलेश्वर अमरजीत नंदगिरि ने की. अपने संबोधन में डॉ.त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड और खासकर जमशेदपुर में किन्नर समुदाय के लिए अर्धनारीश्वर और मां भगवती का एक भव्य मंदिर और एक आश्रम की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि किन्नरों को आध्यात्मिक पहचान और सम्मानजनक स्थान मिल सके. उन्होंने कहा कि रामायण में भगवान श्री राम ने तृतीय लिंग समुदाय को भी वरदान दिया था, जिसमें उनकी पूजा विशेष थी. लेकिन आज भी इस समाज को भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म समावेश और समानता का संदेश देता है और इस भावना को समाज के युवाओं तक पहुंचाना समय की मांग है। टाटा स्टील में कार्यरत जमशेदपुर के महामंडलेश्वर अमरजीत नंदगिरि धर्म और सेवा कार्यों के जरिये ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं.
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की गई। संचालन रितिका श्रीवास्तव ने किया, जबकि दीप प्रज्ज्वलन एवं मंत्रोच्चार पंडित सूरज ओझा ने किया। गीता थियेटर्स द्वारा किन्नर समुदाय पर आधारित नाट्य प्रस्तुति की गई। अंत में धन्यवाद ज्ञापन महामंडलेश्वर अमरजीत नंदगिरि ने किया।
धर्म सम्मेलन में मुख्य रूप से जंबू अखाड़ा समिति के अध्यक्ष बंटी सिंह, विक्की सिंह, शिव शंकर सिंह, अर्पित पांडे, निरंजन श्रीवास्तव, सुष्मिता सरकार, प्रेम दीक्षित, गीता दीक्षित, हिमांशी प्रधान, विवेक सिंह, संजय चौरसिया, विराट, आनंदी सिंह और गुरु मीरा समेत विभिन्न संगठनों के लोग शामिल थे. किन्नर समाज से नायक, गुरु रेखा नायक, गुरु निशा नायक उपस्थित थे।
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