डेंजर जोन पर विशेष फोकस
जमशेदपुर समाचार:
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी को लेकर बारीडीह क्षेत्र के सभी प्रमुख छठ घाटों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. नगर निकायों और स्थानीय पूजा समितियों की मदद से घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन विसर्जन सामग्री अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे हटाने के लिए सफाई कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बारीडीह के छठ घाट की सफाई का काम पिछले एक सप्ताह से चल रहा है. सुबह सफाई कर्मी घाटों की सफाई कर रहे हैं, शाम होते-होते स्थिति फिर वैसी ही हो जा रही है, क्योंकि लोग पूजा सामग्री सीधे नदी किनारे फेंक रहे हैं. ऐसा ही नजारा शुक्रवार को बारीडीह के छठ घाट पर देखने को मिला. नगर निकाय व पूजा समिति के लोगों ने आम जनता से सहयोग की अपील की है. उनका कहना है कि आम जनता के सहयोग से ही नदी तटों को स्वच्छ रखा जा सकता है.
1. भोजपुरी घाट, विसर्जन सामग्री बनी बाधा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बारीडीह स्थित भोजपुरी छठ घाट पर सफाई का काम चल रहा है, लेकिन लोग अभी भी नदी किनारे विसर्जन सामग्री फेंक रहे हैं, जिसे सफाई कर्मी इकट्ठा कर रहे हैं. घाट पर पानी काफी गहरा है, जिसके कारण यहां दो चेंजिंग रूम और गोताखोर तैनात किये जायेंगे. यहां पहले से ही हाईमास्ट लाइट लगी हुई है। इसके अलावा घाट तक जाने वाली सड़क पर स्थानीय समिति के सहयोग से प्रकाश की व्यवस्था की जायेगी. विभिन्न समितियों द्वारा पूरे क्षेत्र को भव्य तरीके से सजाने की तैयारी की जा रही है.2. निराला पथ छठ घाट के किनारे अत्यधिक पानी, होगी परेशानी.
निराला पथ छठ घाट की साफ-सफाई की जिम्मेदारी जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) की है. यहां भी विभिन्न पूजा समितियों द्वारा विसर्जन सामग्री छोड़ दी गयी है. जिसे हटाया जा रहा है. एक तरफ घाट सीढ़ी के रूप में बना हुआ है। दूसरी ओर ढलानदार रास्ते की ओर रेतीले तट पर एक घाट है। दोनों स्थानों पर नदी तट पर पानी काफी गहरा है, इससे परेशानी होगी. स्थानीय युवा भी श्रम दान कर घाटों को तैयार करने में लगे हुए हैं. यहां की पूजा समितियां भक्तों के लिए रोशनी, चेंजिंग रूम और मुफ्त गाय का दूध, दातुन, चाय, बिस्कुट आदि की व्यवस्था करती हैं।
3. जिला स्कूल घाट है सबसे खतरनाक, श्रद्धालुओं को रहना होगा सावधान
जिला स्कूल छठ घाट की स्थिति काफी खतरनाक है. घाट तक पहुंचने का रास्ता ढलानदार और कच्चा है। जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन के दौरान विशेष सावधानी बरतनी होगी। हालांकि जेसीबी की मदद से रास्ता बना दिया गया है, लेकिन नदी किनारे पानी काफी गहरा है. बारीडीह की विभिन्न समितियों द्वारा यहां रोशनी और श्रद्धालुओं के लिए गाय का दूध, दातुन, चाय आदि की व्यवस्था की गयी है.4. डीएस फ्लैट छठ घाट पर सभी सुविधाएं निःशुल्क हैं.
डीएस फ्लैट ट्यूब कॉलोनी बारीडीह दुर्गा पूजा मैदान में कृत्रिम छठ घाट पर पिछले 10 वर्षों से लोग पूजा करते आ रहे हैं. दुर्गा पूजा समिति के बैनर तले कृत्रिम छठ घाट का निर्माण कराया गया. छठ घाट पूजा समिति की ओर से श्रद्धालुओं को गाय का दूध, दातुन, इडली, चाय, कॉफी, बिस्कुट, चिप्स और नारियल मुफ्त में वितरित किया जाता है।5. कुआं मैदान बारीडीह में बनाया जा रहा कृत्रिम छठ घाट
जमशेदपुर पूर्वी विधायक पूर्णिमा साहू की पहल से कुआं मैदान बारीडीह टीएस केतु के पास कृत्रिम छठ घाट का निर्माण कराया जा रहा है. जहां स्थानीय कॉलोनीवासी भगवान सूर्य को अर्घ देंगे.
लोग क्या कहते हैं
पिछले 15 वर्षों से छठव्रतियों की सेवा में लगे हुए हैं. वे पूजा सामग्री बांटते हैं और छठ के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
रमेंद्र कुमार सिंह
हमारा मुख्य लक्ष्य छठ के दौरान श्रद्धालुओं की सेवा करना है. इस वर्ष भी छठवर्तियों की सुविधा के लिए सेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है.
संजीव मिश्र शिविर के दौरान श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। सेवा शिविरों की तैयारियां भी जोरों पर हैं.
संजीव कुमार
क्या कहते हैं अधिकारी
आम जनता के सहयोग से ही छठ घाटों को स्वच्छ रखा जा सकता है. नदी किनारे पूजा सामग्री फेंके जाने से स्वच्छता में बाधा आ रही है। एक बार फिर कर्मचारी सफाई में जुट गए हैं। आम जनता को सहयोग करना चाहिए. कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जेएनएसी——-
छठ घाटों पर मजदूरों का समर्पण, हर साल खुद रचते हैं “आस्था का तट”
महापर्व छठ नजदीक आते ही जमशेदपुर के छठ घाटों पर तैयारी अंतिम चरण में है. शहर में हर साल की तरह इस साल भी घाटों का निर्माण और सफाई का काम नगर निकायों और स्थानीय कंपनियों के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय युवाओं की मदद से किया जा रहा है. ऐसा ही नजारा शुक्रवार को बारीडीह के छठ घाटों पर देखने को मिला. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर प्रशांत कुमार समेत कई युवा पिछले कई वर्षों से मजदूरी कर आस्था तट का निर्माण कर रहे हैं. ताकि छठवर्तियों को पूजा के दौरान कोई परेशानी नहीं हो. बारीडीह निवासी प्रशांत कुमार, साहिल तिवारी, निखिल और आकाश कुमार जैसे युवा हर साल छठ घाटों की सफाई के लिए चार से पांच दिन समर्पित करते हैं। ये युवा घाटों की सफाई और निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं.
—- हम पिछले आठ-नौ वर्षों से लगातार घाट की सफाई करते आ रहे हैं और छठव्रतियों की सुविधा के लिए तत्पर रहते हैं। यह सेवा हमारे लिए सिर्फ जिम्मेदारी नहीं बल्कि आस्था का विषय है। -प्रशांत कुमार———-बचपन से ही मैं अपने माता-पिता के साथ छठ से पहले घाट की सफाई करने आता था। यह अभियान आज भी जारी है और आगे भी जारी रहेगा. यह हमारे मूल्यों का हिस्सा है. -साहिल तिवारी———–हम सभी युवा मिलकर अपना श्रमदान कर स्वयं छठ घाट का निर्माण करते हैं। प्रशासन भी इसमें सहयोग करता है, लेकिन हम अपनी ओर से श्रम दान कर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं. -निखिल कुमार—————-पिछले नौ वर्षों से छठ घाट की सफाई कर रहे हैं। पिछले चार-पांच दिनों से हम लगातार घाटों पर आ रहे हैं और घाटों की सफाई को अंतिम रूप दे रहे हैं. -आकाश कुमार
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