आम जनता और व्यवसायियों ने बंद का समर्थन किया, गीता कोड़ा, मीरा मुंडा और गीता बलमुचू सड़क पर उतरीं.
जमशेदपुर समाचार:
चाईबासा में NH-220 पर आदिवासी युवाओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के विरोध में बीजेपी ने हेमंत सरकार की नीतियों के खिलाफ पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में बंद का आयोजन किया. बीजेपी नेताओं ने इस घटना को झारखंड की लोकतांत्रिक परंपराओं पर हमला बताया और इसे आदिवासी समाज की आवाज को कुचलने की कोशिश बताया. पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार अब जनता की आवाज से डर गयी है. उन्होंने कहा कि अपने ही राज्य के आदिवासी युवाओं पर लाठीचार्ज करने वाली सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है. चाईबासा में शांतिपूर्ण धरना पर बैठे लोगों पर रात के अंधेरे में पुलिसिया अत्याचार इस बात का सबूत है कि झारखंड में लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही चल रही है. भाजपा आदिवासी समाज के साथ है और इस अन्याय के खिलाफ सड़क से सदन तक आवाज उठायेगी. कोल्हान के पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता ने शांतिपूर्ण तरीके से बंद को सफल बनाया. व्यवसायियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और आवश्यक सेवाएं बाधित नहीं हुईं। क्षेत्र में बंद को सफल बनाने में वरिष्ठ भाजपा नेता मीरा मुंडा, सरायकेला-खरसावां में उदय सिंह देव, पश्चिमी सिंहभूम में बड़कुंवर गागराई, गीता कोड़ा और गीता बालमुचू ने भी सक्रिय भूमिका निभाई.
बंद में आम जनता का भरपूर समर्थन मिला:आदित्य साहू
भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि यह बंद पूरी तरह सफल रहा और इसे जनता का व्यापक समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध करना लोगों का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन हेमंत सरकार विपक्ष की हर आवाज को लाठी-गोली से दबाना चाहती है. पिछले एक साल में चाईबासा बाइपास पर भारी वाहनों की चपेट में आने से 154 लोगों की मौत हो चुकी है और जनता सिर्फ सुरक्षा की मांग कर रही थी. सरकार की संवेदनहीनता ने आज आदिवासियों को अपने ही राज्य में असुरक्षित महसूस करने पर मजबूर कर दिया है.
यह घटना हेमंत सरकार की जनविरोधी मानसिकता का परिचायक है: चंपई सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आदिवासी समुदाय की नो-एंट्री जैसी जनहित की मांग पर गोलियां चलाना और लाठीचार्ज करना हेमंत सरकार की बर्बरता को दर्शाता है. यह वही सरकार है, जो खुद को आदिवासी हितैषी कहती है, लेकिन अब उनके खिलाफ क्रूरता पर उतर आई है. आने वाले घाटशिला उपचुनाव में आदिवासी समाज इस तानाशाही का जवाब अपने वोट से देगा.जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करे सरकार : मधु कोड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने बंद को जनता की आवाज बताया. कहा कि चाईबासा और सरायकेला की जनता अब अन्याय के खिलाफ एकजुट हो गयी है. बीजेपी के नेतृत्व में लोगों का यह आंदोलन हेमंत सरकार के लिए एक चेतावनी है कि अगर राज्य में आदिवासियों पर अत्याचार जारी रहा, तो पूरा झारखंड सड़कों पर उतर आयेगा. लोकतंत्र में पुलिस अत्याचार के लिए कोई जगह नहीं है. सरकार को तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



