गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा: जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की कथित उदासीनता से तंग आकर भवनाथपुर प्रखंड के मकरी पंचायत के गड़रियाडीह टोले के ग्रामीणों ने आपसी सहयोग और श्रमदान से करीब पांच सौ मीटर सड़क की मरम्मत कर अनूठी मिसाल कायम की है.
यह कार्य सरकारी मशीनरी की सुस्ती के सामने सामुदायिक शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बन गया है। आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं।
जर्जर सड़क से ग्रामीण थे परेशान: गड़रियाडीह टोला में भुंडली घाटी के नीचे बछुआ नदी के आसपास लगभग 35 से 40 घरों में लगभग 520 लोग वर्षों से रह रहे हैं और खेती कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके टोले तक पहुंचने वाली घाटी जैसी पथरीली सड़क लंबे समय से जर्जर और दुर्गम हो गई है। इस खराब सड़क के कारण लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
नहीं सुनी गई गुहार तो उठाया ये कदम: स्थानीय ग्रामीण मुकेश पाल, राजू पासवान, शिवचंद पाल, लालचंद पाल, परनिस पाल, उमेश साह, राजेश साह, जगदीश पाल, नंदलाल पाल, अभय पाल, विजय सिंह व अन्य ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए वे कई बार अपने जन प्रतिनिधियों व संबंधित अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.
अधिकारियों और नेताओं की लगातार उपेक्षा से निराश ग्रामीणों ने आखिरकार खुद ही पहल करने का फैसला किया। उन्होंने आपस में चंदा इकट्ठा किया और 500 मीटर की इस महत्वपूर्ण सड़क के मरम्मत कार्य को पूरा करने के लिए सामूहिक रूप से श्रमदान किया। इस कार्य में गांव के हर व्यक्ति ने सहयोग किया, जिससे कुछ ही समय में सड़क चलने लायक हो गयी.
प्रशासन से की पक्की सड़क की मांग: ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते जन प्रतिनिधियों ने पहल की होती तो उन्हें खुद पैसे जुटाकर और श्रमदान कर सड़क नहीं बनानी पड़ती. उनका यह कदम स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को सीधा संदेश है.
मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद अब ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी मांग की है. उन्होंने अनुरोध किया है कि इस कच्ची व मरम्मती वाली सड़क को स्थाई रूप से पक्की सड़क (पीसीसी रोड) में बदल दिया जाये, ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े. ग्रामीणों की यह पहल बताती है कि जब सरकारी मदद नहीं मिलती तो लोग अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही ढूंढने में सक्षम हैं.