महुआडांड़ : प्रखंड में जंगली हाथियों का उत्पात तीसरे दिन भी जारी रहा. गुरुवार की देर रात रेंगाई गांव में उत्पात मचाते हुए काटो गांव के काटो, जोरी, मेढ़ारी, देवराज टेरी, मेढ़ारी गांव के फुलगेन कुजूर और विनोद कुजूर ने घर की दीवार तोड़ दी और घर में रखे अनाज को खाकर ओरसापाठ और मेधारी जंगल में चले गये.
ग्रामीणों ने पूरी रात दहशत में जागकर गुजारी। उसी दिन सुबह हाथी फिर से जंगल से बाहर निकला और असनारी बांध होते हुए कर लोध जलप्रपात पर्यटक स्थल के रास्ते हमी गांव पहुंच गया. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। हाथी को जंगल में भागने से रोकने के लिए वन विभाग के ट्रैकर और सिपाही लगातार संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन लोगों की भीड़ के कारण हाथी को जंगल में भेजना काफी मुश्किल हो रहा है.
हाथी को देखने के लिए लगातार बढ़ती भीड़ वन विभाग के काम में बाधा उत्पन्न कर रही है. भीड़ की वजह से हाथी उत्तेजित हो गया है और भीड़ पर हमला करने लगा है. लोग मोबाइल से सेल्फी और फोटो बीडीओ लेने के चक्कर में हाथी के काफी करीब पहुंच जा रहे हैं. ऐसे में वन विभाग लगातार लोगों से हाथी से दूरी बनाए रखने की अपील करता नजर आ रहा है. वनपाल कुँवर गंझू ने बताया कि टीम द्वारा सभी नुकसान का आकलन कर यथाशीघ्र मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
वनकर्मियों ने लोगों से अपील की है कि वे जंगली हाथियों के पास जाने या भीड़ लगाने से बचें, क्योंकि इससे हाथी डर जाता है और आक्रामक हो सकता है।



