रोहन निषाद/न्यूज़ 11 भारत
चाईबासा/डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम जिला भाजपा प्रवक्ता जीतेंद्र नाथ ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिला मुख्यालय स्थित चाईबासा सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही और अव्यवस्था के कारण सुर्खियों में है. कुछ दिन पहले ब्लड बैंक में गंभीर गड़बड़ी के कारण थैलेसीमिया से पीड़ित पांच से छह बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में फिलहाल करीब 515 एचआईवी संक्रमित मरीज पंजीकृत हैं. ऐसे में इस नये मामले ने पूरे जिले की चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं.
स्थिति तब और भयावह हो गई जब आज अस्पताल की तीसरी मंजिल से एक मरीज द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिली. इस घटना से यह साफ हो गया है कि अस्पताल में न तो पर्याप्त चिकित्सा सुविधा है और न ही मरीजों की मानसिक सुरक्षा की कोई व्यवस्था है. लगातार हो रही इन घटनाओं से साफ है कि चाईबासा सदर अस्पताल की कार्यप्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है.
पश्चिमी सिंहभूम जैसे जिले में, जहां कुपोषण की दर राज्य में सबसे ज्यादा है, वहां स्वास्थ्य सुविधाओं का इस स्तर पर चरमरा जाना बेहद चिंताजनक है. कई ग्रामीण इलाकों में डायरिया जैसी बीमारियां फैल गई हैं और वहां एंबुलेंस की सुविधा तक नहीं है. सरकार सिर्फ लीपापोती करने में लगी है, जबकि गरीब जनता बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरस रही है.
भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि एचआईवी संक्रमण और आत्महत्या दोनों घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये. सदर अस्पताल की समग्र चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की जाये तथा जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाये. यह मामला न सिर्फ अस्पताल की लापरवाही है बल्कि गरीब लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ का भी प्रतीक है.
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