संतोष कुमार/न्यूज़11इंडिया
चांडिल/डेस्क:- चांडिल अनुमंडल क्षेत्र एक बार फिर अवैध लॉटरी कारोबार का केंद्र बनता दिख रहा है. झारखंड सरकार द्वारा लॉटरी पर लगाये गये प्रतिबंध के बावजूद चांडिल बाजार, बनिया टोला से लेकर आसपास के गांवों में खुलेआम लॉटरी टिकट की बिक्री हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नेटवर्क का सबसे बड़ा शिकार गरीब और दिहाड़ी मजदूर हैं. रोजमर्रा की मेहनत से कमाया गया पैसा माफियाओं की जेब में जा रहा है। छोटे-छोटे पुरस्कारों के लालच में श्रमिक अपनी आधी कमाई गवां देते हैं, जिससे कई परिवार आर्थिक संकट और कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं। जिससे उनके परिवार वालों पर भी आर्थिक संकट आ गया है. वे जो भी थोड़ा बहुत पैसा कमाते हैं, वह सारा पैसा लॉटरी में जा रहा है।
हैरानी की बात तो यह है कि महीनों से चल रहे इस अवैध कारोबार के खिलाफ स्थानीय पुलिस और प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है. इलाके के चौक-चौराहों, चाय की दुकानों और होटलों में खुलेआम लॉटरी बेची जा रही है और यह भी चर्चा है कि यह काम कुछ माफियाओं द्वारा संचालित किया जाता है.
इस संबंध में जिला उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने कहा कि चांडिल क्षेत्र में जहां भी अवैध लॉटरी का कारोबार हो रहा है, उसके खिलाफ जल्द ही उचित कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने याद दिलाया कि जिस तरह सूचना के बाद गम्हरिया क्षेत्र में अवैध लॉटरी को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, उसी तरह चांडिल में भी जल्द ही दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जायेगी और अवैध लॉटरी को पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा.
इस संबंध में जब चांडिल थाना प्रभारी से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सूचना के आधार पर जल्द ही लॉटरी माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी और चांडिल थाना क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. जो भी इसमें शामिल होगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन वास्तव में किस तरह से कानून का पालन करते हुए इन अवैध लॉटरी संचालकों पर नकेल कसता है और कैसे अवैध लॉटरी को पूरी तरह से बंद करवाता है.
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