चंदवा. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति स्वर्गीय डॉ. रमेश शरण की स्मृति में रविवार को कामता पंचायत के सांसद आदर्श ग्राम चटुआग के पीवीटीजी आदिम जनजाति परहैया टोला में स्व. आश्रय संस्था की ओर से निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में लगभग 110 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की गई, जिसमें परहैया (पीवीटीजी) समुदाय के 80 से अधिक सदस्य शामिल थे. इस दौरान वजन माप, खून, हीमोग्लोबिन, मधुमेह, बीपी, सर्दी, बुखार, खांसी, मलेरिया की जांच की गई। जांच में कई मरीजों में टीबी, कुष्ठ, लीवर रोग जैसी गंभीर बीमारियां पाई गईं, सभी को तत्काल चिकित्सीय परामर्श और आवश्यक दवाएं दी गईं, शिविर में पता चला कि पीवीटीजी समुदाय में स्वास्थ्य जांच की गई. कुपोषण गंभीर है, अधिकांश महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं और बुजुर्ग ऑस्टियोपोरोसिस और त्वचा रोगों से पीड़ित हैं। सभी को ग्लूकोज, आयरन की खुराक और स्वास्थ्य टॉनिक प्रदान किए गए। आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं।
यह शिविर जनभागीदारी का एक उदाहरण था, इसकी विशेषता यह थी कि शिविर में सभी डॉक्टरों ने अपने परिवार के साथ भाग लिया और सेवा दी, शिविर में डॉ अमर नाथ प्रसाद एमबीबीएस सेवानिवृत्त चिकित्सा पदाधिकारी, झारखंड सरकार और उनकी पत्नी रीना देवी, डॉ अखिलेश्वर प्रसाद एमडी (मेडिसिन) सदर अस्पताल लातेहार और उनकी पत्नी पुष्पा देवी, डॉ अलीशा टोप्पो बीडीएस बालूमाथ स्वास्थ्य केंद्र और उनके पति आलोक टोप्पो, चिकित्सा सहायक चंदन कुमार शामिल थे. प्रयोगशाला तकनीशियन, मुजाहिद खान डीएमएलटी।
नागेन्द्र, ईसीजी तकनीशियन, अरमान, एक्स-रे तकनीशियन ने सेवाएँ प्रदान कीं।
डॉ. प्रसाद के बेटे अभिषेक कुमार, बहू प्रियंका देवी, पोती शिवांशी और पोता श्रेष्ठ कुमार भी शामिल हुए. शिविर के संचालन में चिकित्सा कर्मी चंदन कुमार (रांची) मुजाहिद आलम (बालूमाथ) नागेंद्र कुमार, अरमान एवं रेहान (चंदवा) ने सक्रिय सहयोग दिया, निबंधन कार्य का संचालन आर, शरण संस्था सदस्य उषा कुमारी एवं स्वयंसेवक जिदन टोपनो ने किया, डॉ. प्रसाद ने अपने पोते श्रेष्ठ का चौथा जन्मदिन मनाते हुए वृद्ध पीवीटीजी को कंबल एवं बच्चों को चॉकलेट बांटे. सेवा से जुड़ा जन्मदिन मनाने का ये अनोखा तरीका बना प्रेरणा का स्रोत, दवा और कंबल पाकर बेहद खुश हुए लोग
शिविर के आयोजक आर शरण संस्था के प्रबंधक प्रसाद ने कहा कि डॉ. रमेश शरण हमेशा ग्रामीण एवं वंचित समुदाय के साथ काम करने की प्रेरणा देते रहे। उनका मानना था कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान या रोजगार प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। वह कहते थे कि जिम्मेदारी हमसे शुरू होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल टीम को गांव तक पहुंचने के लिए लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, क्योंकि वहां कोई सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं है. संस्था की प्रबंधक नेहा प्रसाद ने सभी चिकित्सकों एवं सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर इसी तरह सहयोग मिलता रहा तो आर.शरण संस्था लातेहार जिले के सभी पीवीटीजी टोलों खासकर दुर्गम एवं सुदूरवर्ती इलाकों में ऐसे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करती रहेगी.
आगे बताया गया कि संस्था जल्द ही कामता पंचायत के 6 से 18 वर्ष के पीवीटीजी बच्चों के शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन करेगी, ताकि शिक्षा की स्थिति में और सुधार किया जा सके. उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान पीवीटीजी परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और सरकारी योजनाओं के लाभ से संबंधित विस्तृत जानकारी भी एकत्र की गई।
यह शिविर न केवल चिकित्सा सेवाओं का माध्यम बना, बल्कि सेवा, सहयोग और जनभागीदारी की सच्ची भावना का प्रतीक भी साबित हुआ।
पंचायत समिति सदस्य अयूब खान ने शिविर लगाकर ग्रामीणों को इलाज और दवा उपलब्ध कराने के लिए आर शरण संस्था की प्रबंधक नेहा प्रसाद और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया है और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है.
इस शिविर को सफल बनाने में पंचायत समिति सदस्य अयूब खान, मुखिया नरेश भगत, ममता देवी, वार्ड सदस्य सावन परहैया एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर प्रसाद, मुकेश साव, स्वास्थ्य सहायक सोमरामनी देवी, मुनिता देवी, स्थानीय ग्रामीण सनिका मुंडा, बिनोद परहैया, राजकुमार परहैया, बिफैया परहैया का विशेष योगदान रहा.



