लातेहार: जिला मुख्यालय के प्रमुख छठ घाटों में से एक चटनाही छठ घाट के निर्माण के लिए पिछले कई दिनों से लोग श्रमदान कर रहे हैं.
इसी क्रम में आज छठ घाट के निर्माण में आम लोगों से लेकर खास लोगों तक सभी ने योगदान दिया यानी सभी लोगों ने मिलकर इस काम में अपना योगदान दिया है. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं है, चाहे वह अधिकारी हो, सैनिक हो या आम नागरिक हो। यह छठ पूजा की सामुदायिक भावना को दर्शाता है।
लोक आस्था के महापर्व को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. खासकर छठ घाटों की साफ-सफाई की जा रही है. इसको लेकर विभिन्न सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन छठ घाट की साफ-सफाई में जुटा हुआ है. इसी क्रम में आज 32वीं वाहिनी के जवानों, आम नागरिकों, अधिवक्ताओं एवं जिले के बुद्धिजीवियों ने अपना श्रमदान किया.
हमने अपना श्रमदान कर फिट इंडिया और स्वच्छता का संदेश दिया: दीपिक कुमार
सशस्त्र सीमा बल 32 वाहिनी द्वारा फिट इंडिया 6.0 रन का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सशस्त्र सीमा बल के जवानों एवं अधिकारियों ने भाग लिया। दौड़ लातेहार के स्टेशन रोड स्थित सशस्त्र सीमा बल 32 वाहिनी मुख्यालय से शुरू होकर चटनाही स्थित सार्वजनिक सूर्य पूजा छठ घाट तक पहुंची, जहां एसएसबी 32 वाहिनी के अधिकारियों और जवानों ने छठ घाट की सफाई की.
एसएसबी जवानों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने छठ घाट की सफाई की. द्वितीय कमांडेंट दीपक कुमार मीना ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल लातेहार और लोहरदगा जिले में ड्यूटी पर तैनात है और यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हमारी ओर से सामाजिक संदेश दिया गया है.
फिट इंडिया ने एक संदेश देने का काम किया है जिसमें आज का युवा शारीरिक समस्याओं से जूझ रहा है और इस दौड़ के माध्यम से हम युवाओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, प्रतिदिन दौड़ लगाते हैं, योग करते हैं, दवा करते हैं तो आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और चटनाही छठ घाट पर हमने श्रमदान किया है, साफ-सफाई की है और स्वच्छता का संदेश दिया है ताकि लोग इस महान त्योहार को अच्छे से मना सकें.
अधिक से अधिक युवा यहां आएं और अपना श्रमदान कर पुण्य के भागीदार बनें: राजीव रंजन पांडे.
छठ घाट पर श्रम दान करने वाले अधिवक्ता राजीव रंजन पांडे ने कहा कि छठ सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह हमें प्रकृति से जोड़ता है. हमारी संस्कृति ही एकमात्र ऐसी संस्कृति है जो डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देती है। छठ हमें एक दूसरे से जोड़ने का काम करता है और यह आस्था का महापर्व भी है.
मैं लातेहार के युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि वे भी यहां आएं और अपना श्रम देकर पुण्य के भागीदार बनें। इस दौरान चटनाही छठ घाट के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आज सभी लोगों द्वारा श्रमदान कर छठ घाट की सफाई की गयी है.