रोहन निषाद/न्यूज़ 11 भारत
चाईबासा/डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर निवासी रवींद्र गिलुवा का चयन टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रतिष्ठित “संवाद फेलोशिप” 2025 बैच में हुआ है। इस वर्ष कुल नौ शोधार्थियों को संवाद फेलोशिप के लिए यह सम्मान मिला है। 2017 में शुरू हुई यह फेलोशिप देश की सबसे महत्वपूर्ण आदिवासी अनुसंधान फेलोशिप में से एक है। इस बार 25 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से 572 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिसमें 122 विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के 10 शोधकर्ता शामिल थे। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद इस फेलोशिप के लिए केवल नौ उम्मीदवारों का चयन किया गया। चयन समिति में हिमालयन कल्चरल हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सोनम वांगचुक शामिल थे।
मीनाक्षी मुंडा, कोल्हान विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान की सहायक प्रोफेसर, ओइनम डोरेन, अवर विलेज फिल्म्स के संस्थापक, ओडिशा एससीएसटीआरटीआइ परमानंद पटेल, आदिवासी अकादमी के मानद निदेशक मदन मीना।
रवीन्द्र गिलुवा: संक्षिप्त परिचय
रवीन्द्र गिलुवा “डोनेट ब्लड” संस्था के संस्थापक हैं। लेखन के साथ-साथ वह अपने समाज के लिए भी सक्रिय रहते हैं। वह आदिवासी युवा मित्र मंडल, चक्रधरपुर के सचिव भी हैं। उनका शोध आदिवासी परंपराओं, मौखिक इतिहास और सांस्कृतिक संरक्षण पर केंद्रित है। इस फेलोशिप के लिए रवींद्र गिलुवा के चयन से चक्रधरपुर और आसपास के इलाकों में खुशी का माहौल है. स्थानीय लोग और आदिवासी संगठन इसे हो समुदाय के लिए गर्व की बात बता रहे हैं. संवाद फ़ेलोशिप के तहत चयनित शोधकर्ताओं को एक वर्ष के लिए वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और शोध के लिए सभी आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाते हैं। पिछले 8 वर्षों में इसने सैकड़ों आदिवासी शोधकर्ताओं को एक मजबूत मंच दिया है।
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