चंपई सोरेन, सरायकेला: चाईबासा के सदर अस्पताल में एक बच्ची को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने सरकार पर इस मामले को लीपापोती करने का आरोप लगाया. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि चाईबासा में हुई दुखद घटना ने उन्हें झकझोर दिया है. जब भी हम किसी डॉक्टर या अस्पताल के पास जाते हैं तो हम स्वस्थ होने के साथ-साथ अपनी जान बचाने की भी आशा करते हैं। लेकिन चाईबासा की इस घटना ने भरोसा और विश्वास तोड़ दिया. यह लापरवाही नहीं बल्कि अपराध है, दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’ उन्होंने अफसोस जताते हुए आगे लिखा कि राज्य सरकार कुछ लोगों को निलंबित कर पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है.
झारखंड सरकार ने दिखाई असंवेदनशीलता
चंपई सोरेन ने आगे लिखा कि राज्य सरकार ने इन मासूम बच्चों की जान की कीमत दो-दो लाख रुपये तय कर अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है. यह न्याय की मूल अवधारणा का मजाक है. सरकार को सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों द्वारा किए गए इस अपराध की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और प्रत्येक परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए। साथ ही, पीड़ित परिवार की पसंद के अस्पतालों में आजीवन मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
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चंपई सोरेन ने कहा- कुछ तो शर्म करो
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आगे कहा कि इतने गंभीर मामले में भी जिस तरह से हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से पहले मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश की गई, उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. लेकिन विडंबना यह है कि पीड़ितों को मुआवजा देकर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री सोशल मीडिया पर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे उन पर कोई एहसान कर रहे हों. अंत में उन्होंने लिखा कि अरे, कुछ तो शर्म करो!
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