पंकज कुमार/न्यूज़11 भारत
घाघरा/डेस्क: इस साल छठ महापर्व के मौके पर घाघरा में अनोखा नजारा देखने को मिला. आस्था और समर्पण के इस महापर्व में जहां महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ सूर्य की आराधना की, वहीं दस पुरुषों ने भी अनुशासन, संयम और निष्ठा के साथ छठ व्रत किया. छठ महापर्व में पूरा इलाका आस्था, भक्ति और उत्साह से नहा उठा। सूर्यास्त होते ही उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, घाटों पर गूंजे लोक आस्था के गीत छठ मैया के गीत महापर्व छठ का सायंकालीन अर्घ्य सोमवार को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सभी गांवों व टोलों के घाट आस्था व अनुशासन के रंग में सराबोर दिखे.
व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार की सुख-समृद्धि व स्वास्थ्य की कामना की. शाम होते ही पूरा घाघरा क्षेत्र छठ मैया के गीतों की मधुर स्वर लहरियों से गूंज उठा।
सुबह से ही घाटों की सजावट और साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया। घाघरा प्रखंड क्षेत्र के घाघरा नदी तट, छठ नगर छठ पूजा समिति व अदिया नदी तट नवडीहा, सिकवार बांध, चुंदरी तालाब, गम्हरिया कोयल नदी समेत विभिन्न छठ घाटों पर व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी.
प्रशासन एवं स्थानीय युवाओं द्वारा सुरक्षा एवं व्यवस्था की व्यापक तैयारी की गयी थी. छठ पर्व की पवित्र भावना में पुरुषों और युवाओं ने भी पूरे समर्पण के साथ योगदान दिया।
स्वयंसेवकों ने विभिन्न स्थानों पर सफाई की
पूजा समितियों ने घाटों पर वैकल्पिक रोशनी के लिए जेनरेटर लगाया, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हुई. घाटों पर प्रखंड प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधि मौजूद थे. सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस बल के साथ महिला पुलिसकर्मी व होम गार्ड के जवान भी तैनात थे. श्रद्धालु महिलाओं ने फलों, ठेकुआ, नारियल और केले की टोकरियां सजायीं और सूर्य देव को अर्घ्य दिया.
नदी के पानी में डुबकी लगाते हुए जब व्रती महिलाओं ने दोनों हाथ जोड़कर डूबते सूर्य को प्रणाम किया तो दृश्य बेहद मनमोहक दिखाई दिया. अब श्रद्धालु सोमवार सुबह होने वाले उगते सूर्य के अर्घ्य की तैयारी में जुट गए हैं, जो छठ पर्व के पारंपरिक समापन का प्रतीक होगा.
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