प्रतिनिधि, रायडीहरायडीह प्रखंड के करंजकुर गांव में मंगलवार को कलशयात्रा के साथ दो दिवसीय गोपाष्टमी पूजा शुरू हो गयी. पूजा के पहले दिन 1001 गौभक्तों ने पवित्र पालामाड़ा नदी से कलश में पवित्र जल लेकर कलश यात्रा निकाली. इस दौरान जय श्री राम, हरे राम, हरे कृष्णा से इलाका गूंज उठा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामरेखा बाबा श्री उमाकांत प्रपन्न जी महाराज ने बताया कि इस गोपाष्टमी पूजा की शुरुआत 1969 ई. में हुई थी. उन्होंने कहा कि जब समुद्र मंथन हुआ था. तब गौ माता की उत्पत्ति हुई। गौ माता के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। हम किसानों के जीवन में गौ माता का बहुत महत्व है। हम गौ माता की रक्षा एवं पूजा करते हैं। जिससे क्षेत्र में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहे। विशिष्ट अतिथि जशपुर राजपरिवार के सदस्य विक्रमादित्य सिंह जूदेव ने कहा कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी पूजा के दौरान इस क्षेत्र के गोपालक गौ माता की पूजा करते हैं। यह इस क्षेत्र की समृद्धि को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हमें अपने पशुधन की रक्षा करने की जरूरत है. मौके पर भूपाल राम, बालमुकुंद सिंह, पवन साहू, दामोदर साव, सागर मिश्रा, जगदीश सिंह, रामप्रसाद सिंह, महेंद्र सिंह, पप्पू कुमार सिंह, श्याम कुमार सिंह, दिगंबर मिश्रा, जगतपाल नगेसिया, शंकर नाथ पांडे, सच्चिदानंद पंडा सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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