केंद्र नहीं खुलने से किसान अपनी खून-पसीने से उगाई गई फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। व्यवसायियों ने बिचौलियों को किनारे कर दिया है, जो सीधे किसानों के खलिहान से धान खरीदकर अपने गोदामों में लाते हैं और फिर बड़े मालवाहक वाहनों में लादकर बंगाल और बिहार भेजते हैं। इससे मोटी रकम कमाएं. बिरनी प्रखंड के कपिलो, रजमनिया, नावाडीह, जीतकुंडी, पलौंजिया, मरकोडीह, जुटाहाम, खरखरी, सारंडा, मंझलाडीह, भरकट्टा सहित अन्य क्षेत्रों से प्रतिदिन 20-30 ट्रक धान बंगाल व बिहार ले जाया जा रहा है. 15 दिन बाद धान खरीद में और तेजी आएगी।
बिचौलिए 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीद रहे हैं.
बिचौलिए किसानों से 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद रहे हैं. जबकि, पिछले साल सरकार ने 2450 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदा था. इस बार धान खरीद को लेकर अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. अगर सरकार जल्द ही क्रय केंद्र नहीं खोलती है तो किसान सारा धान खुले बाजार में बेचने को मजबूर हो जायेंगे. इससे उन्हें काफी नुकसान होगा. खेती.
किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है
एक तरफ किसान औने-पौने दाम पर धान बेच रहे हैं तो दूसरी तरफ बिचौलियों की भी नजर किसानों की मेहनत की कमाई पर है. किसानों से खरीदारी करते समय बिचौलिए वजन में पांच से 10 किलो तक की हेराफेरी कर देते हैं।
क्या कहते हैं किसान
किसान पंचू साव, जहलु साव, रामू दास, देवशरण साव, बालो महतो, गोविंद साव, प्रयाग महतो आदि ने बताया कि धान खरीद को लेकर सरकार की ओर से कोई घोषणा नहीं की गयी है. किसान अपना धान खुले बाजार में बेचने को मजबूर हैं. सरकार की गलत नीति के कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. जब तक सरकार धान खरीद की घोषणा करेगी, तब तक किसान अपना धान बेच चुके होंगे. इससे सिर्फ कालाबाजारियों और पूंजीपतियों को फायदा होगा.
क्या कहते हैं प्रभारी कृषि पदाधिकारी?
प्रभारी कृषि पदाधिकारी संजय स्वर्णकार ने बताया कि अभी तक सरकार से कोई आदेश नहीं मिला है. सरकारी आदेश मिलने के बाद ही कहा जा सकता है कि धान किस दर पर खरीदा जायेगा.
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