केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना बाहरी संवेदकों के कारण बेकार हो गयी है. स्थिति यह है कि जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदक मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। कई जगहों पर आधा-अधूरा काम कर संवेदक गायब हो गये हैं. ऐसा ही एक मामला गांडेय प्रखंड के कर्रीबांक पंचायत में सामने आया है. जानकारी के अनुसार करीबैंक पंचायत में हनीस्केप इंफ्रास्ट्रक्चर जल नल योजना पर काम कर रही है. योजना के तहत पंचायत के कर्रीबांक, लालपुर, शीतला, ओझाडीह, मंडरो, केराडाबर, भलुआ, गोविंदडीह, महेशपुर, परहेता, तिलबोनी गांवों में करीब 70 बोरिंग करायी गयी है, लेकिन कहीं बोरिंग के बाद सिर्फ ढांचा खड़ा कर दिया गया है, तो कहीं टंकी नहीं लगाया गया है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि अधिकांश गांवों में न तो पाइपलाइन बिछायी गयी है और न ही स्टैंड पोस्ट का निर्माण किया गया है.
शीतला गांव में स्ट्रक्चर का काम भी पूरा नहीं हुआ
पंचायत के शीतला में नल जल योजना के तहत बोरिंग करायी गयी, लेकिन स्ट्रक्चर का काम पूरा नहीं हुआ है. यहां न तो टंकी लगाई गई है और न ही मोटर। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गांव में पाइपलाइन बिछाने और स्टैंड पोस्ट लगाने का काम भी पूरा हो चुका है. ढांचे पर टंकी तो है, लेकिन सोलर प्लेट गायब है.
पंचायत में जल नल योजना फ्लॉप : उपमुखिया
पंचायत के उपमुखिया टुनटुन रवानी ने कहा कि पंचायत में जल नल योजना पूरी तरह फ्लॉप है. किसी भी गांव में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. संवेदक आधा-अधूरा कार्य कर एक वर्ष से गायब है।
मामले की जांच करायी जायेगी : जेई
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता बब्लू हांसदा ने कहा कि अनियमितता की शिकायत मिली है. मामले की जांच कर ठेकेदार को काम में तेजी लाने और त्रुटियों को सुधारने का निर्देश दिया जायेगा.
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