वहीं बच्चों ने अपने घरों को दीपों, आकर्षक रंग-बिरंगी लाइटों और झालरों से सजाया। मिट्टी के दीयों से दीपमाला बनाई गई, जिससे गांव से लेकर शहर तक अमावस्या की रात भी दिन जैसा उजाला नजर आया। सोमवार की रात लोगों ने दीप जलाकर दिवाली मनाई। जगह-जगह आतिशबाजी की गई। आनंद भवन आश्रम, श्री राम कृष्ण आश्रम, रेलवे क्लब सार्वजनिक दुर्गा मंदिर हजारीबाग रोड, रेलवे पार्क दुर्गा मंदिर सरिया, किस्टो कालीबाड़ी समेत अन्य स्थानों पर मां काली की पूजा की गयी. सभी पूजा पंडालों में भंडारा का आयोजन किया गया. लोगों ने क्षेत्र में सुख-शांति के लिए मां काली से तथा धन-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी से प्रार्थना की। मंगलवार की शाम मां काली की प्रतिमा का विसर्जन धूमधाम से किया गया।
बिरनी: दीप की रोशनी से रोशन हुआ गांव
बिरनी. बिरनी प्रखंड के गांवों में दिवाली धूमधाम से मनाई गयी. लोगों ने आतिशबाजी की. साथ ही पूरा घर और मंदिर दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। सोमवार की सुबह से ही लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों में मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा-अर्चना शुरू कर दी. वहीं, पड़रिया के मां बसंती दुर्गा मंदिर के प्रांगण में ग्रामीण युवाओं ने 5100 दीप जलाये. इसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पड़रिया में मां काली की पूजा की गयी
यहां पड़रिया में एक दलित परिवार करीब 51 साल से मां काली की मूर्ति स्थापित कर पूजा करता आ रहा है. इस वर्ष भी आचार्य महेश पांडे ने पूरे विधि-विधान से देवी मां की पूजा-अर्चना की. इसमें ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी.
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