नक्सल समाचार: गोमिया (बोकारो) नागेश्वर-बोकारो जिले के गोमिया थाना क्षेत्र के कुख्यात उग्रवादी फूलचंद किस्कू उर्फ राजू को 10 साल पहले नक्सलियों ने खेती के लिए एक जोड़ी बैल देने का वादा कर नक्सली संगठन में शामिल किया था, लेकिन आज तक उसे न तो खेती के लिए एक जोड़ी बैल मिले और न ही उसे संगठन में शामिल करने वाला संगठन का कोई सदस्य आज जीवित है जो उसे बैल दे सके. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में नक्सली संगठन के लगभग सभी सदस्य मारे गये हैं. अगर कुछ बचा है तो वह है फूलचंद किस्कू से किया गया वादा और फूलचंद किस्कू पर हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे 15 से ज्यादा गंभीर आपराधिक मामले. अंततः पुलिस ने विशेष छापेमारी कर फूलचंद किस्कू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
फूलचंद किस्कू का घर घने जंगल में है
फूलचंद किस्कू का घर गोमिया थाना क्षेत्र के सुदूर घने जंगल के बीच धमधरवा गांव में है. फूलचंद किस्कू का घर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में है. गांव से फूलचंद के घर तक केवल पैदल रास्ता है।
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जब पुलिस घर पहुंची
करीब दो माह पहले गोमिया पुलिस विशेष अभियान के तहत फूलचंद किस्कू के घर गयी थी. जब पुलिस उसके घर पहुंची तो परिवार की हालत देखकर उन्हें यकीन नहीं हुआ. सवाल यह आया कि क्या नक्सलवाद ने इसे इतना गरीब बनाया या गरीबी ने इसे नक्सली बना दिया। उनके घर की दीवारें मिट्टी से बनी हैं. छत किसी तरह बांस के टुकड़ों और पुराने टिन के सहारे टिकी हुई है, जो हवा के झोंके में ऐसे हिलते हैं, जैसे गिरने वाले हों। दरवाजे के स्थान पर फटे कपड़े का पर्दा लटका हुआ है और टीन का गेट लगा हुआ है। पुलिस को फूलचंद घर में नहीं मिला.
फूलचंद किस्कू आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया.
पुलिस को उनकी बहू घर में मिली। फूलचंद के नक्सली होने के कारण न तो उसके परिवार के किसी सदस्य का आधार कार्ड बना है और न ही वह किसी सरकारी योजना का लाभ ले पा रहा है. गांव वाले भी फूलचंद के परिवार को हेय दृष्टि से देखते हैं। पुलिस ने फूलचंद की बहू को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के बारे में बताया और फूलचंद को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया, लेकिन बहू के चेहरे के भाव और बोलचाल कुछ और ही संकेत दे रहे थे, मानो फूलचंद आत्मसमर्पण करने के पक्ष में नहीं थे. तीन-चार दिन बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो एक टीम गठित कर फूलचंद किस्कू के यहां छापेमारी की गयी. फूलचंद को उसके घर के पास जंगल से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.



