पलामू: मेदिनीनगर नगर निगम द्वारा शहर में किये जा रहे कार्य अनैतिक, त्रुटिपूर्ण एवं भ्रष्टाचार पूर्ण है.
फिलहाल दो करोड़ उनचास लाख रुपये की स्ट्रीट लाइट लगाने का मामला सामने आया है, जिसमें टेंडर की शर्तों को ताक पर रख दिया गया, न तो काम गुणवत्ता से हुआ और न ही सप्लाई की गई और तो और जिस अधिकारी को वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, वह टेंडर फिक्स कर वित्तीय निर्णय लेने का गंभीर अपराध कर रहा है। आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। हाल ही में शहर में अराजकता को रोकने के उद्देश्य से युवा सामाजिक कार्यकर्ता आशीष भारद्वाज के साथ श्रवण गुप्ता, गौरी शंकर गुप्ता आदि व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल रांची पहुंचे और सुदिव्य कुमार सोनू (नगर विकास एवं आवास मंत्री, झारखंड सरकार) को सारी बातों से अवगत कराया और सहायक नगर आयुक्त द्वारा की जा रही मनमानी से अवगत कराया.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने सहायक नगर आयुक्त को तत्काल हटाने का आदेश दिया था, हाल ही में सहायक नगर आयुक्त का पलामू से तबादला कर दिया गया है. इस मामले पर विस्तृत जानकारी देते हुए आशीष भारद्वाज ने बताया कि सहायक नगर आयुक्त की कार्यशैली बिल्कुल भी अच्छी नहीं रही है, वे शहर के कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नियत से लगातार अनैतिक कार्य कर रहे थे.
हम भी उनसे कुछ मसलों पर बात करना चाहते थे लेकिन उन्हें लगा कि वह किसी सल्तनत के राजा हैं. सहायक नगर आयुक्त की कार्यप्रणाली एक व्यक्ति विशेष से प्रभावित हो गयी है, जिसके कारण नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है. ऐसी स्थिति में शहर के प्रबुद्ध व्यवसायियों के अनुरोध पर हम सभी नगर विकास एवं आवास मंत्री से मिले और नगर निगम में व्याप्त घोर अराजकता का जिक्र करते हुए उनसे सहायक नगर आयुक्त को हटाने का अनुरोध किया. मंत्री ने कल इस मामले का संज्ञान लिया और इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
हमने बाजार की बहुचर्चित मांग “दुकान किराया दर” की ओर भी मंत्री एवं विभागीय सचिव का ध्यान आकृष्ट कराया है और आशा करते हैं कि इसका समाधान भी शीघ्र होगा.