रामगढ़ : धर्म और अध्यात्म की पावन धरती एक बार फिर भक्ति में डूबने को तैयार है. बांकेबिहारी राधा रानी किला मंदिर के प्रांगण में सोमवार से श्रीगणेश पूजन के साथ सतचंडी एवं श्रीरामचरितमानस नवाहपरायण महायज्ञ शुरू होगा।
यह बात किला मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा शनिवार को किला मंदिर के प्रांगण में आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के अध्यक्ष अनुप कुमार उर्फ बाबू साहेब, महासचिव प्रोफेसर संजय प्रसाद सिंह एवं मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित गोविंद बल्लभ शर्मा ने संयुक्त रूप से कही. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। संयुक्त महायज्ञ का आयोजन किला मंदिर प्रबंधन समिति की देखरेख में किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह वही पारंपरिक महायज्ञ है, जो 1963 में शुरू हुआ था और जो तब से लगातार श्रद्धा, आस्था और भक्ति की लौ जला रहा है. महायज्ञ के आचार्य वैदिक कर्मकांडी सह ज्योतिषाचार्य पंडित गोविंद बल्लभ शर्मा शास्त्री होंगे, जबकि ब्रह्मा के रूप में पंडित मुरारी मोहन शर्मा होंगे.
इस अनुष्ठान में कथा व्यास पंडित रवीन्द्र पांडे, राजकिशोर पाठक, रासबिहारी पांडे, अंकित पाठक, संजय पाठक, चंदन पाठक, राजन पांडे, ब्रजेश पाठक, सत्येन्द्र दुबे सहित दस विद्वान ब्राह्मणों द्वारा सतचंडी पाठ एवं श्रीरामचरितमानस नवाहपरायण का पाठ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में वेद-मंत्रों की गूंज, घंटों की ध्वनि और भक्तिमय माहौल से पूरा क्षेत्र आस्था के रंग में रंग जायेगा. महायज्ञ में श्री गणेश पूजन, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, सर्ववेदी पूजन, ब्राह्मण वरण, संतचंडी पाठ एवं दोपहर में श्री रामचरित्र नवाहपरायण पाठ किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि यह महायज्ञ सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि समाज को नैतिकता, सद्भावना और आध्यात्मिकता के मार्ग पर ले जाने का संदेश है. आयोजन समिति ने मंदिर प्रांगण को आकर्षक ढंग से सजाने की तैयारी पूरी कर ली है. सोमवार से शुरू होकर यह महायज्ञ नौ दिनों तक चलेगा, जिसमें हर दिन भक्तों के लिए संकीर्तन, प्रवचन और आरती का विशेष कार्यक्रम होगा.



