खूंटी : मेरे कदम लड़खड़ा सकते हैं, लेकिन मेरा निशाना सीधा है। कोई मुझे कम न आंके, मैं हर तीर निशाने पर लगाता हूं। ये कुछ पंक्तियां खूंटी के तीरंदाज झोंगो पाहन को समर्पित हैं.
तीरंदाजी में खूंटी के एक छोटे से गांव शिल्डा के दिव्यांग बच्चे झोंगो पाहन को पहला अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी खिलाड़ी बनने का गौरव मिला है. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। झोंगो पाहन ने अपनी विकलांगता और गरीबी को मात देते हुए सरकारी आवासीय विद्यालय से पढ़ाई करते हुए तीरंदाजी में लगातार अचूक निशाना लगाकर राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाने में सफलता हासिल की है.
दिसंबर माह में दुबई में आयोजित एशियन यूथ पैरा गेम्स में खूंटी के शिल्डा गांव के झोंगो पाहन के चयन पर ग्रामीणों ने खुशी जताई है और उन्हें आगामी एशियन यूथ पैरा गेम्स में बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
झोंगो पाहन के चयन पर शिलदा गांव के ग्रामीणों, स्कूल प्रशिक्षकों एवं खेल प्रेमियों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है. शिल्डा गांव के यासीन अंसारी और बंधु पाहन ने कहा कि छोटे से गांव के गरीब परिवार के खिलाड़ी झोंगो पाहन के चयन पर सभी ग्रामीण काफी खुश और उत्साहित हैं और उन्हें आगामी एशियन यूथ पैरा गेम्स में बेहतर प्रदर्शन कर गांव, झारखंड और देश का नाम रौशन करने के लिए शुभकामनाएं देते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि झोंगो पाहन काफी गरीब परिवार से आता है.
किसी तरह सिर ढकने के लिए फूस का घर है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस में 11वीं कक्षा में पढ़ते हुए उसने तीरंदाजी में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर गांव, स्कूल जिले और राज्य का नाम रोशन किया है और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियन यूथ पैरा गेम्स में बेहतर निशाना लगाकर देश का नाम रोशन करेगा।
झोंगो पाहन के पिता गुसु पाहन और स्कूल के तीरंदाजी कोच आशीष कुमार ने स्कूल के होनहार खिलाड़ी के चयन पर खुशी जताई और खूंटी सहित राज्य का नाम रोशन करने की उम्मीद जताई है.
भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी उन्हें भारतीय तीरंदाजी टीम में चयनित होने और जिले से पहला अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज बनने पर हार्दिक बधाई दी है. दुबई में 7 से 14 दिसंबर तक आयोजित होने वाले एशियन यूथ पैरा गेम्स के लिए झोंगो पाहन का चयन किया गया है। ऑनलाइन बधाई संदेश में अर्जुन मुंडा ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों और शारीरिक चुनौतियों से पार पाकर झोंगो पाहन ने जो असाधारण उपलब्धि हासिल की है, वह साहस, समर्पण और कड़ी मेहनत का अद्भुत उदाहरण है।



