प्रमोद कुमार/न्यूज़11भारत
बरवाडीह/डेस्क: जिले में प्रशासनिक सख्ती की पोल खोलते हुए बरवाडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (मुर्गीडीह) में निलंबित किए गए फार्मासिस्ट आलोक तिवारी अब भी बेखौफ तैनात हैं। महीनों बीत जाने के बाद भी उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के स्पष्ट आदेश का अनुपालन नहीं होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है. गौरतलब है कि 4 जून 2025 को उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता द्वारा बरवाडीह सीएचसी का औचक निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में दवाओं की गड़बड़ी, रिकॉर्ड में अनियमितता और मरीजों की उपेक्षा जैसी खामियां सामने आईं।
उपायुक्त ने फार्मासिस्ट की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उसे तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया था. लेकिन आदेश जारी होने के बावजूद आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी. संबंधित फार्मासिस्ट अभी भी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हैं और पहले की तरह विभागीय खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं. यह न सिर्फ उपायुक्त के आदेश की अवहेलना है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अंदर व्याप्त उदासीनता और मनमानी का भी स्पष्ट उदाहरण है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब शीर्ष अधिकारी के आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो निचले स्तर पर जवाबदेही की उम्मीद कैसे की जा सकती है. लोगों ने उपायुक्त से पूरे मामले की समीक्षा कर दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि सरकारी आदेशों की विश्वसनीयता और जनता का विश्वास कायम रह सके.
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