रामगढ़ : राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को रामगढ़ इंटर महिला कॉलेज में सामूहिक गायन किया गया.
महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों सहित छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत का गायन प्रस्तुत किया। आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। इस मौके पर प्रभारी प्राचार्य एवं कॉलेज के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. संजय प्रसाद सिंह ने कहा कि वंदे मातरम का इतिहास एवं कहानी काफी रोचक है.
यह कोई साधारण शब्द या गीत नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के प्रति राष्ट्रीय चेतना एवं जनजागरण का संकल्प है। ब्रिटिश हुकूमत की नींद उड़ाने वाले राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को आज 150 साल पूरे हो गए हैं। पूरे देश में 150वीं वर्षगांठ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है.
डॉक्टर सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् की रचना सबसे पहले बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी. इसके बाद यह पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ। बाद में बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसे अपने अमर उपन्यास आनंद मठ में शामिल किया, जो वर्ष 1882 में प्रकाशित हुआ।
वंदे मातरम् राष्ट्रीय विजय और देशभक्ति की प्रेरणा देने वाला एक महान मंत्र है। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रो शहजादी खातून, शिक्षक प्रतिनिधि प्रो पूर्ण कांत कुमार, प्रो प्रणीत कुमार, डॉ एसके सिन्हा, प्रो कांता मित्रा, प्रो राजेश प्रसाद, डॉ श्वेता कश्यप, प्रो ललिता देवी, प्रो संयोगिता देवी, डॉ रागिनी कुमारी, डॉ शमीमा परवीन, प्रो राजेश कुमार सिन्हा, प्रो प्रेमिना सहाय, प्रो रश्मी सिन्हा, मुख्य रूप से कृष्णा प्रसाद सोनी, राजेश कुमार, संगीता कुमारी प्रभास राठौड़, डॉ रोहित वर्मा, मोहसिन कमाल, प्रभास प्रताप राठौड़, दीपक नायक, गोपाल राम, संदीप करमाली, अनिल करमाली, रंजीत माथुर, आनंद करमाली, गुड़िया देवी, शानू देवी, किंटू देवी मौजूद थे।



