न्यूज11भारत
धनबाद/डेस्क: आईआईटी (आईएसएम), धनबाद में आज “पर्यावरण अनुप्रयोगों के लिए स्मार्ट समाधान” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई। इस कार्यशाला का आयोजन द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) द्वारा किया गया था। [आईईआई]धनबाद स्थानीय केंद्र और ईआईएसीपी (पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम) केंद्र, पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र आईआईटी (आईएसएम) के आई2एच भवन में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में धनबाद के नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने भाग लिया। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के निदेशक और वैज्ञानिक ‘ई’ प्रभुनाथ यादव और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के प्रबंधक (पर्यावरण) अमरतांशु श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि थे। सत्र की अध्यक्षता आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्र ने किया। प्रो. पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यशाला समन्वयक आलोक सिन्हा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों का प्रभावी समाधान प्रौद्योगिकी एवं सहयोग से ही संभव है। कार्यशाला के सह-समन्वयक प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता और प्रोफेसर सुरेश पांडियन, और आईईआई धनबाद स्थानीय केंद्र के मानद सचिव प्रोफेसर विश्वजीत पॉल ने भी सभा को संबोधित किया और टिकाऊ इंजीनियरिंग प्रथाओं को बढ़ावा देने में आईईआई और आईआईटी (आईएसएम) की साझेदारी को रेखांकित किया।
उद्घाटन के दौरान कार्यशाला की कार्यवाही जारी की गई, जिसमें 42 सार शामिल हैं। इनमें 22 मुख्य वक्ताओं के पेपर देश-विदेश के संस्थानों जैसे आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी पटना, एसवीएनआईटी सूरत, बीआईटी सिंदरी, बीसीकेवी बर्दवान, एचबीटीयू कानपुर, टीसाइड यूनिवर्सिटी (यूके), बीआईएस और झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग से हैं। साथ ही, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, एनआईएएमटी रांची, बीआईटी सिंदरी और आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज, आगरा के 20 छात्र और शोधकर्ता अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं।
कार्यशाला में छह तकनीकी सत्र होंगे, जिसमें स्मार्ट पर्यावरण निगरानी, वायु और जल प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन शमन और नीति-आधारित सामुदायिक भागीदारी जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। अपने संबोधन में मुख्य अतिथियों ने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित पर्यावरण प्रबंधन एवं समुदाय की सक्रिय भागीदारी समय की मांग है। उन्होंने इस दिशा में मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। यह कार्यशाला 1 नवंबर, 2025 तक चलेगी, जिसमें मुख्य व्याख्यान, तकनीकी पेपर प्रस्तुतियाँ और इंटरैक्टिव चर्चाएँ होंगी। यह आयोजन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारत सरकार द्वारा गोल्ड प्रायोजक के रूप में समर्थित है। एंगोटेक लिमिटेड (संबलपुर, ओडिशा) और सर्गिवेयर लिमिटेड (शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश) सिल्वर प्रायोजक हैं जबकि अदिति इन्फोटेक (नागपुर, महाराष्ट्र) और रितिका एंटरप्राइजेज (धनबाद, झारखंड) सहायक भागीदार हैं।
यह भी पढ़ें: JSSC-CGL पेपर लीक मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अगली सुनवाई सोमवार को होगी.



