नीरज अभिषेक/लखनऊ, लोकजनता: बिजली विभाग ने प्रीपेड मीटर वाले सैकड़ों उपभोक्ताओं को डिफॉल्टर भी बना दिया है. उपभोक्ताओं ने समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। परेशान उपभोक्ता उपकेंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों के चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल, प्रीपेड मीटर में बिजली की आपूर्ति उतनी ही सुनिश्चित की जाती है, जितनी उसे रिचार्ज किया जाता है, लेकिन यहां ऐसे उपभोक्ताओं पर भी भारी बकाया है। इस संबंध में मुख्य अभियंता ट्रांसगोमती वीपी सिंह ने बताया कि सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण प्रीपेड मीटर पर बकाया दिखेगा। यदि कोई उपभोक्ता इस समस्या से पीड़ित है तो वह सीधे अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। उपभोक्ताओं की शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाएगा।
केस नंबर-1
उपयोगकर्ता: ज्योति मजूमदार
कनेक्शन संख्या: 822020151676
बकाया: लगभग ₹40,000
अमीनाबाद निवासी देबू ज्योति मजूमदार ने बताया कि उनकी दुकान पर प्रीपेड मीटर लगा है। जब वह रिचार्ज कराने गया तो विभागीय कर्मचारियों ने उससे कहा कि पहले तो उस पर 40 हजार रुपये बकाया है, यह बिल जमा करने के बाद ही मीटर रिचार्ज हो सकेगा। उन्होंने बताया कि लेसा के सभी हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने तकनीकी कारण बताकर कुछ भी करने में असमर्थता जताई।
केस नंबर-2
उपयोगकर्ता: अंकित कुमार
कनेक्शन संख्या: 0243111111
बकाया: ₹17,000 से अधिक
अमित कुमार के मुताबिक, “प्रीपेड कनेक्शन होने के बावजूद बकाया देखकर मैं हैरान रह गया। जब मैंने हेल्पलाइन 1912 पर शिकायत की तो मुझे बताया गया कि बकाया चुकाने की कोई व्यवस्था नहीं है। जब मैं उपकेंद्र गया तो कर्मचारियों ने दबी जुबान में सुविधा शुल्क की बात कही और बिल एडजस्ट करने की बात कही।”
शहर में हजारों उपभोक्ता प्रभावित
राजधानी लखनऊ में एक लाख से ज्यादा प्रीपेड उपभोक्ता हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में लोगों के मीटर पर बकाया दिख रहा है. उपभोक्ताओं से कहा जा रहा है कि जब तक बकाया भुगतान नहीं होगा तब तक रिचार्ज संभव नहीं है। इसके चलते लोग विभागीय कार्यालयों व उपकेंद्रों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र
जानकीपुरम विस्तार, अमीनाबाद, चौक, नादरगंज, मड़ियांव, तेलीबाग, चिनहट, सहादतगंज, मौलवीगंज, आलमबाग, अलीगंज, कानपुर रोड, उतरेठिया, बीकेटी, राजाजीपुरम, निशातगंज, महानगर, गुडंबा, आशियाना, बंगला बाजार और गोमती नगर विस्तार क्षेत्र में सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं।



