UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सामाजिक न्याय, सम्मान और अवसर की समानता को शासन का आधार बनाकर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के समग्र विकास को नई दिशा दे रही है. मुख्यमंत्री योगी की नीतियों ने न केवल योजनाओं की सर्वव्यापी पहुंच सुनिश्चित की है, बल्कि आदिवासी गांवों में संतृप्ति आधारित विकास का एक मजबूत मॉडल भी तैयार किया है। सरकार द्वारा उठाये गये व्यापक कदमों का सीधा परिणाम यह है कि आदिवासी समुदाय विशेषकर थारू, बुक्सा, नट, बंजारा आदि के लाखों परिवारों को आवास, शिक्षा, सड़क, बिजली, भूमि अधिकार और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी राहत मिल रही है।
517 आदिवासी गांवों में संतृप्ति आधारित विकास मॉडल
‘धरती आबा आदिवासी ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के तहत 26 जिलों के 517 आदिवासी बहुल गांवों में योजनाओं की संतृप्ति आधारित पहुंच सुनिश्चित की गई है।
*11 लाख से अधिक आदिवासी आबादी को सड़क, बिजली, आवास, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलीं।
*प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 815 बुक्सा परिवारों को मिला पक्का मकान।
*वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत 23,000 से अधिक वनवासी परिवारों के भूमि दावों को पंजीकृत किया गया, जिससे उन्हें कानूनी स्वामित्व अधिकार मिला।
*डेढ़ लाख से अधिक आदिवासी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिला।
*लखीमपुर खीरी एवं बलरामपुर के 9 आश्रम पद्धति विद्यालयों में 2,000 बच्चे गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
महिला सुरक्षा एवं प्रतिनिधित्व: ऊदा देवी सहित वीर नारियों के नाम पर 3 पीएसी बटालियन
महिला सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए योगी सरकार ने वीर नारियों के नाम पर तीन नई पीएसी बटालियन का गठन किया है। इनमें 1857 की वीर दलित वीरांगना ऊदा देवी भी शामिल हैं। राजधानी लखनऊ में ऊदा देवी की प्रतिमा स्थापित कर पासी समाज के इतिहास और योगदान को विशेष पहचान दी गई है। थारू हैंडीक्राफ्ट कंपनी के माध्यम से 371 महिला स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़कर आर्थिक स्वावलंबन की नई दिशा मिली है।
युवाओं के लिए बढ़े मौके, एसटी वर्ग के आरक्षित पद भरे गए
सरकारी नौकरी और प्रशिक्षण नीतियों के माध्यम से आदिवासी युवाओं के लिए सरकारी सेवाओं तक पहुंच।
बड़े अवसर खुले हैं.
*प्री एग्जामिनेशन ट्रेनिंग सेंटर (पीईटीसी) योजना के तहत 6,500 युवाओं ने उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त किया।
*इनमें से 700 से अधिक युवाओं का चयन प्रशासनिक पदों के लिए हुआ।
*वर्ष 2023-24 की पुलिस भर्ती में अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी आरक्षित पद भरे गए, जो एक बड़ा बदलाव है।
उपेक्षित नायकों को राष्ट्रीय मान्यता: सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक बड़ा कदम
योगी सरकार ने उन महान जननायकों और वीरांगनाओं को मुख्यधारा में सम्मान दिलाया है, जो लंबे समय तक इतिहास में उपेक्षित थे।
*मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में बिरसा मुंडा संग्रहालय,
*बलरामपुर में थारू संग्रहालय,
*महाराजा सुहेलदेव से संबंधित स्मारक एवं सरकारी उपक्रम-
उन्होंने ओबीसी, आदिवासी और पिछड़े समुदाय में स्वाभिमान और सांस्कृतिक चेतना की एक नई लहर पैदा की है।
सीएम योगी की नीतियां- विकास और सम्मान दोनों का संतुलित सूत्र
सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है: “सबका साथ, सबका विकास और सबका सम्मान।”
वंचित और कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए उठाए गए कदमों ने न केवल सामाजिक न्याय को मजबूत किया है, बल्कि राज्य को समावेशी विकास का राष्ट्रीय मॉडल भी बनाया है।



