वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप मामले में शनिवार को अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना शुभम जयसवाल और उसके पिता भोला जयसवाल समेत 28 कारोबारियों के खिलाफ थाने में केस दर्ज किया गया है. कुछ दिन पहले गाजियाबाद पुलिस ने प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर एक बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था.
इस मामले के तार जुड़ते हुए मुख्य आरोपी मैदागिन निवासी शुभम जयसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद तक पहुंच गए हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और पुलिस की जांच में पाया गया कि करोड़ों रुपये की प्रतिबंधित कफ सिरप की खरीद-फरोख्त की गई. काशी की ही कई दवा दुकानों से सिरप की लाखों शीशियाँ बेची और खरीदी गईं। जिन मेडिकल स्टोरों के नाम पर कारोबार किया गया उनमें से अधिकांश मौके पर मौजूद ही नहीं थे। जांच टीम ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया।
सूत्रों के मुताबिक, एबॉट हेल्थकेयर की प्रतिबंधित कफ सिरप की खरीद-फरोख्त 2023 से 2025 के बीच शेली ट्रेडर्स ने की थी। जांच में पता चला कि इसकी मालिकाना हक मैदागिन निवासी भोला जयसवाल और उनके बेटे शुभम जयसवाल के हाथ में था। शुभम के खिलाफ गाजियाबाद में भी मामला दर्ज किया गया है. इन दोनों द्वारा कुछ अन्य फर्में भी चलाई जा रही थीं। कुछ फर्जी फर्मों को प्रतिबंधित सिरप भी बेचा और खरीदा गया।
पुलिस उपायुक्त काशी गौरव बंशवाल ने बताया कि कफ सिरप मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं. भोला जयसवाल और उनके बेटे शुभम जयसवाल समेत 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन-किन कारोबारियों ने प्रतिबंधित कफ सिरप बेचा और खरीदा.



