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Thursday, November 20, 2025
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सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ की बैठक… 478 विकास परियोजनाओं को मंजूरी, पीपीपी मॉडल पर विकास के निर्देश

लखनऊ, लोकजनता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनकल्याण कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं होने की जानकारी साझा करते हुए जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराने का भरोसा जताया है. बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन की शहरी विकास कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शहरों का विकास केवल सड़कों और भवनों के निर्माण तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इनका स्वरूप ऐसा होना चाहिए जिसमें स्थानीय पहचान, इतिहास, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन हो।

उन्होंने निर्देश दिये कि योजनाएं समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरी हों और इसका सीधा लाभ नागरिकों को मिले। मुख्यमंत्री ने मेरठ में प्रस्तावित बिजली बंबा बाईपास को लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर पीपीपी मोड में विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण की कार्ययोजना के तहत वर्ष 2025-26 में मेरठ में 11, कानपुर में 13 तथा मथुरा-वृन्दावन में 14 परियोजनाओं पर कार्य किया जाना है। इन परियोजनाओं में यातायात सुधार, चौराहों का पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र, सड़क और फुटपाथ सुधार, बिजली लाइनों को भूमिगत करना, जल प्रबंधन, पर्यटन सुविधाओं का उन्नयन और शहरी सौंदर्यीकरण जैसी जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है।

योगी ने अधिकारियों को राजस्व साझेदारी मॉडल पर निजी क्षेत्र का सहयोग लेने और जहां भी संभव हो पीपीपी मोड अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विकास का उद्देश्य एक शहरी ढांचा तैयार करना है जो परिवहन की सुविधा प्रदान करता है, पैदल यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता देता है, हरित शहरों की ओर बढ़ता है और स्थानीय पहचान को मजबूत करता है।

-कानपुर, मथुरा-वृंदावन में विरासत और पर्यटन आधारित विकास मॉडल

बैठक में तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी कार्ययोजना की जानकारी दी. बताया गया कि अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज की तर्ज पर अब मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के लिए भी विकास मॉडल अपनाया जा रहा है. जन प्रतिनिधियों से चर्चा और विभागों के बीच समन्वय के बाद इन शहरों में कुल 478 परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई है. इनमें से मेरठ में 111, कानपुर में 109 और मथुरा-वृंदावन में 258 परियोजनाओं का विकास प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक श्रेणियों में विभाजित किया गया है और स्पष्ट समय सीमा निर्धारित की गई है।

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