लखनऊ, लोकजनता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में उद्योगों को बड़ी राहत देने का फैसला लिया गया है. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब विभिन्न श्रेणियों की औद्योगिक इकाइयाँ और कारखाने अपने आवेदनों के निस्तारण के लिए तृतीय पक्ष प्रमाणीकरण प्रणाली का लाभ उठा सकेंगे।
इस व्यवस्था के तहत उद्योग विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों के अलावा तृतीय पक्ष एजेंसियों की निरीक्षण एवं सत्यापन रिपोर्ट भी मान्य होगी. अब तक केवल सरकारी विभागों द्वारा निरीक्षण अनिवार्य था, जिससे आवेदन प्रक्रिया में देरी होती थी। इस निर्णय से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उद्योगों का संचालन आसान होगा। साथ ही, सरकारी नियंत्रण में आने वाली अनावश्यक बाधाओं को दूर कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जायेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य उद्योगों को पारदर्शी, त्वरित एवं विश्वसनीय व्यवस्था उपलब्ध कराना है ताकि निवेशक अनावश्यक औपचारिकताओं के बिना अपना कार्य आगे बढ़ा सकें। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब स्थापना की अनुमति (सीडीई) और संचालन की अनुमति (सीटीओ) के लिए तृतीय पक्ष निरीक्षण रिपोर्ट स्वीकार की जाएगी। राज्य सरकार के इस कदम से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के राष्ट्रीय मानकों में यूपी की रैंकिंग में सुधार होगा साथ ही उद्योगों के लिए समयबद्ध और पारदर्शी माहौल तैयार होगा।
ऐसे होगा उद्योगों को फायदा
• निरीक्षण प्रक्रिया में तेजी लाना – यदि रिपोर्ट को विभागीय निरीक्षण के बजाय किसी तीसरे पक्ष द्वारा मान्य किया जाता है तो प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
• समय की बचत – अनुमोदन प्राप्त करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
• निवेशकों का विश्वास – एक पारदर्शी प्रणाली से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
• औद्योगिक इकाइयों के लिए सुविधा – वे बिना देरी के सीटीई और सीटीओ अनुमोदन प्राप्त कर सकेंगे।
• व्यवसाय करने में आसानी में सुधार – राज्य रैंकिंग में सुधार की दिशा में बड़ा कदम।



