लखनऊ, अमृत विचार: राज्य में पंचायत चुनाव समय पर कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी परीक्षा बनती जा रही है. सभी की निगाहें मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान की गति पर टिकी हैं। राज्य में अप्रैल-मई 2026 में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं।
जबकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण व डिजिटलीकरण का काम अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हो सका है. दूसरी ओर, कार्यकाल खत्म होने के छह महीने के अंदर चुनाव करा लिया जाए, ताकि भारत सरकार का अनुदान न रुके, इसके लिए परिसीमन को लेकर पंचायती राज विभाग तेजी से काम कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक इस बार चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव की मतदाता सूची अलग-अलग रखी गई है. लेकिन सूची को अपडेट करने की जिम्मेदारी वही निचले स्तर के कर्मचारी निभा रहे हैं, जो अन्य चुनाव कार्यों में भी तैनात हैं. इससे काम का बोझ बढ़ने से पंचायत चुनाव की तैयारियों में देरी होने की आशंका है.
राज्य में मतदाता सूचियों को अपडेट करने के लिए विशेष सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. अब सभी उप जिलाधिकारियों को संशोधित सूची को ऑनलाइन फीड करने का कार्य प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर के पहले सप्ताह तक लिस्ट अपडेट का काम पूरा कर लिया जाएगा, ताकि समय पर ड्राफ्ट लिस्ट जारी की जा सके.
मतदाता सूची संशोधन का दूसरा चरण शुरू
चुनाव आयोग ने मंगलवार से मतदाता सूची पुनरीक्षण का दूसरा चरण शुरू कर दिया है. इस बार यूपी समेत 12 राज्यों में मतदाता सूचियों का स्थलीय सत्यापन किया जा रहा है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ और गुजरात भी शामिल हैं। आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, मतदाता सूची का प्रारूप 9 दिसंबर को जारी किया जाएगा और अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी.
परिसीमन के बाद वार्ड एवं पंचायतें
परिसीमन के बाद जिला पंचायत सदस्य वार्डों की संख्या जहां पहले 3050 थी, अब 30 घटकर 3020 हो गई है। इसी तरह कुल 75,844 क्षेत्र पंचायत सदस्य वार्डों में से 830 कम हो गए हैं, अब इनकी संख्या 75,014 हो गई है। जबकि साल 2021 के मुताबिक 7,32,643 ग्राम पंचायत सदस्य वार्डों में से इस बार 4600 से ज्यादा कम होंगे.



